मोरिंगा पाउडर यूरिक एसिड कम करने में मदद करते हैं, जानें एक्सपर्ट से कैसे करें सेवन

यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर में गठिया जैसी गंभीर समस्या हो सकती है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें जोड़ों में अचानक तेज दर्द, सूजन और लालिमा आ जाती है। हाई यूरिक एसिड की समस्या ज्यादातर लोगों में खान-पान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण होती है।यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ों में दर्द, सूजन और गठिया जैसी हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का खतरा रहता है। यूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक तरह का अपशिष्ट पदार्थ है। इसे किडनी द्वारा फिल्टर करके बाहर निकाला जाता है। शरीर में बढ़े यूरिक एसिड को कम करने के लिए मोरिंगा पाउडर का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।

हाई यूरिक एसिड में मोरिंगा पाउडर के फायदे- 
सहजन का पेड़, जिसे मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा पौधा है जिसके विभिन्न भागों को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। मोरिंगा की पत्तियों को सुखाकर पीसा जाता है, जिससे मोरिंगा पाउडर बनता है।  डाइटिशियन एक्सपर्ट कहते हैं, “मोरिंगा पाउडर विटामिन, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है। हाई यूरिक एसिड मे इसका सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है।”

मोरिंगा पाउडर में मौजूद पोषक तत्व

विटामिन A, B6, C, E
कैल्शियम
पोटैशियम
मैग्नीशियम
फास्फोरस
आयरन
एंटीऑक्सीडेंट

मोरिंगा पाउडर यूरिक एसिड को कैसे कम करता है?-
सूजनरोधी गुण: मोरिंगा पाउडर में एंटीऑक्सीडेंट और सूजन कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। ये गुण शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो गाउट के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकता है।

किडनी फंक्शन में सुधार: मोरिंगा पाउडर गुर्दे के कार्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। स्वस्थ गुर्दे शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर निकालने में अधिक कुशल होते हैं।

ब्लड शुगर को नियंत्रित करना: कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि मोरिंगा पाउडर रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। अनियंत्रित रक्त शर्करा का स्तर यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है। इसलिए, मोरिंगा पाउडर रक्त शुकरा को नियंत्रित कर परोक्ष रूप से यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकता है।

वजन प्रबंधन: मोरिंगा पाउडर वजन प्रबंधन में सहायक हो सकता है। अधिक वजन या मोटापा यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है। स्वस्थ वजन बनाए रखने से यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

यूरिक एसिड बढ़ने से न सिर्फ हड्डियों और जोड़ों को नुकसान पहुंचता है, बल्कि इससे दिल, किडनी, लिवर समेत कई अंगों से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा रहता है। इन बीमारियों से बचने के लिए आपको शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रण में रखना चाहिए।

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