योग करके हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। इसलिए कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ नियमित रूप से योग करने की सलाह देते हैं। इन्हीं योगासनों में से एक है मेरुदंडासन योग, यह योग बहुत ही सरल है। मेरुदंडासन मेरुदंड से बना है, जिसका अर्थ है हमारे शरीर की रीढ़ की हड्डी। यह एक ऐसा योग है, जिसकी मदद से आप अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रख सकते हैं। इस योगासन से हमारे शरीर की रीढ़ की काफी मजबूत होती है। इसके साथ ही यह कूल्हों और हैमस्ट्रिंग को फैलाता है। रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने के साथ-साथ यह आसन मन को शांत रखने और तनाव को दूर रखने में मददगार साबित होता है। आइए जानते हैं मेरुदंडासन योग करने की विधि और इसके कुछ अन्य फायदों के बारे
मेरुदंडासन योग की विधि
- इस योग को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर बैठ जाएं।
- अब अपने पैरों को आगे की ओर सीधा रखें।
- इस दौरान आपकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से सीधी होनी चाहिए।
- अब अपने दोनों हाथों को पैरों की जांघ पर रखें।
- इसके बाद अपने पैरों को फैलाएं।
- अब थोड़ा आगे की ओर झुकें और अपने दोनों हाथों से दोरों पैरों के अंगूठे को पकडें।
- इस दौरान आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए।
- अब अपने दोनों हाथों से पैरों को उठाएं।
- अब दोनों पैरों को उठाते हुए दोनों हाथों को फर्श के समान्तर लें आएं।
- इस स्थिति में रहते हुए गहरी साँस लें।
- करीब 10 सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहने की कोशिश करें।
रीढ़ की हड्डियां होती हैं मजबूत
मेरुदंडासन योग से आपके रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। रीढ़ की हड्डी हमारी शरीर का एक अभिन्न अंग है। बिना रीढ़ की हड्डी के कोई भी व्यक्ति ना बैठ सकता है और ना ही चल सकता है। ऐसे में रीढ़ की हड्डी का मजबूत होना बहुत ही जरूरी है। नियमित रूप से मेरुदंडासन योग करने से रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है। इससे हमारा शरीर लचीला बनता हैं। शरीर में लचीलापन होने से चोट लगने की संभावना कम होती है।
मांसपेशियां को करे मजबूत
मेरुदंडासन योग से आपके शरीर कीमांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह योगासन कंधे, पीठ, और पैर की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं। लंबे समय तक बैठकर कार्य करने वालों के लिए यह आसन बहुत ही लाभकारी माना जाता है। अगर आपके शरीर की मांसपेशियां कमजोर हैं, तो यह आसन नियमित रूप से करें।
पेट के लिए लाभकारी
पेट की मांसपेशियों को मजबूर करने में भी मेरुदंडासन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह आपके पेट को टोन प्रदान करता है। मेरुदंडासन करने से यकृत विशेष रूप से कार्य करता है। यह हमारे आंतों के पेरिस्टलसिस (peristalsis) को उत्तेजित करने में हमारी मदद करता है। एसिड रिफ्लेक्स, कब्ज और ब्लोटिंग की परेशानी को दूर करने में यह सहायक होता है। इससे आपके शरीर की पाचन शक्ति बेहतर होती है।
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