राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उमेश मिश्रा ने कहा है कि वर्तमान दौर में मानसिक तनाव व एंजाइटी (घबराहट) की समस्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। उन्होंने पुलिस बल सहित आमजन में भी मानसिक तनाव की समस्या को ध्यान में रखते हुए मानसिक स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता बरतने की आवश्यकता जताई।मिश्रा बुधवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।मिश्रा ने कहा, ‘‘जीवन की जटिलताओं के मध्य युवा वर्ग सहित शहरी ही नही ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह समस्या बढ़ती जा रही है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा व अभिभावकों के उचित मार्गदर्शन के अभाव की स्थितियों में बच्चे मानसिक तनाव के शिकार होकर आत्महत्या तक का कदम उठा रहे हैं।’’
उन्होंने जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पर बल देते हुए कहा, ‘‘काम के बढ़ते बोझ की स्थितियों में व्यवस्थित जीवन शैली आवश्यक है। नियमित व्यायाम, योग प्राणायाम, खेल सहित स्वयं की समुचित देखभाल एवं मनोरंजन गतिविधियों से अपने प्रसन्नता के पैमाने को बढ़ाया जा सकता है।’’पुलिस प्रवक्ता के अनुसार पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) राजीव शर्मा ने पुलिस अधिकारियों व जवानों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता की आवश्यकता बताते हुए मानसिक समस्याओं के समय पर समाधान पर जोर दिया।
सवाई मान सिंह (एसएमएस) मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव बगरहट्टा ने व्यवस्थित दिनचर्या के साथ नियमित व्यायाम पर जोर दिया। कार्यशाला का आयोजन मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी में कार्यरत राजस्थान मूल के डॉ विमल शर्मा के सहयोग से किया गया। डॉ. शर्मा ने मानसिक स्वास्थ्य की स्थितियों के नियमित रूप से आकलन करने के साथ समय समय पर विशेषज्ञों से विचार विमर्श पर बल दिया। इंग्लैंड से आये विशेषज्ञ डॉ. कैथरीन एवं डॉ. रॉबर्ट पॉल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।