विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति काे अनूठा बताया है और कहा है कि आनंदमय और सरल जीवन के लिये गीता के मूल सिद्धांत को अपनाया जा सकता है।
श्रीमती लेखी ने यहां एक समाराेह में “श्री भगवद्गीता” के सरल अनुवाद की पुस्तक “सहज गीता” का विमोचन करते हुये कहा कि आम जनमानस में गीता को उसको वास्तविक अर्थों में पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक इस उद्देश्य की पूर्ति करती है। इस अवसर पर राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश और पुस्तक के लेखक अविनाश कुमार उपस्थित रहे। पुस्तक का विमोचन कल देर शाम किया गया।
श्रीमती लेखी ने कहा कि गीता भारतीय जनमानस में रची बसी है और आनंदमय और सरल जीवन के लिये गीता के मूल सिद्धांत को अपनाया जा सकता है।“सहज गीता” में संपूर्ण भगवद्गीता को सरल हिंदी काव्यात्मक शैली में लिखा गया है, जिसके रचनाकार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर और भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु के पूर्व छात्र अविनाश कुमार हैं। यह पुस्तक भगवद्गीता का हिंदी काव्यात्मक शैली में सरल अनुवाद और लयबद्ध लिपि होने के अलावा, रोजमर्रा के जीवन के उदाहरण प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन ने किया है।