महाराष्ट्र के बीड जिले में मराठा आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 49 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।नेताओं की संपत्तियों को निशाना बनाकर हिंसा और आगजनी की कई घटनाओं के बाद सोमवार शाम को बीड जिले के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
बीड के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नंदकुमार ठाकुर ने बताया कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।उन्होंने कहा, ‘‘दंगा करने और जान खतरे में डालने के मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक 49 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। रात में किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली और हालात नियंत्रण में है।”अधिकारी ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बीड की जिलाधिकारी दीपा मुधोल मुंडे द्वारा जारी आदेश के अनुसार, जिलाधिकारी कार्यालय, तालुकाओं के मुख्यालयों के साथ-साथ जिले से गुजरने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के पांच किलोमीटर के दायरे में कर्फ्यू लागू किया गया है।पुलिस ने कहा था कि बीड जिले के माजलगाव शहर में सोमवार सुबह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार गुट के विधायक प्रकाश सोलंकी के आवास में आग लगा दी गई और आरक्षण प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पथराव भी किया।
समूह ने सोलंकी के आवासीय परिसर में खड़ी एक कार को भी आग के हवाले कर दिया। विधायक का एक ऑडियो ‘क्लिप’ सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद यह घटना हुई। ‘क्लिप’ में राकांपा विधायक ने कथित तौर पर मराठा आरक्षण आंदोलन के बारे में बोला था और आमरण अनशन कर रहे मनोज जरांगे पर परोक्ष तौर पर टिप्पणी की थी।
विधायक के घर पर आगजनी के बाद मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं का एक समूह वहां से अलग-अलग हिस्सों बंट गया और बाद में माजलगाव नगरपालिका परिषद भवन की पहली मंजिल पर आग लगा दी और तोड़फोड़ की।मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं के एक समूह ने सोमवार शाम बीड शहर में राकांपा विधायक संदीप क्षीरसागर के आवासीय परिसर और कार्यालय में घुसकर आग लगा दी थी।
एक अन्य घटना में, प्रदर्शनकारियों ने बीड शहर में राज्य के पूर्व मंत्री जयदत्त क्षीरसागर के आवास को आग लगा दी और पथराव किया।मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों की भीड़ अजित पावर गुट के नेता अमरसिंह पंडित के आवास के बाहर भी जमा हो गई थी और पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
हिंसा और आगजनी की ये घटनाएं ऐसे वक्त हुई हैं, जब आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में 25 अक्टूबर से आमरण अनशन कर रहे हैं।मराठा समुदाय के लोग सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग करते हुए राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं।