फूड पॉइजनिंग के मामले में तत्काल जांच करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।कुछ भी खाते ही उल्टी आना, पेट दर्द होना या फिर जी मचलना फूड पॉइजनिंग के लक्षण हो सकते है। आजकल लोग घर का खाना कम और बाहर फ़ास्ट फ़ूड जादा खाते है जो पेट का हाजमा खराब होने का प्रमुख कारण है। पेट दर्द के अलावा फूड पॉइजनिंग का लक्षण बुखार होना भी हो सकता है। इसी कारण, किसी भी व्यक्ति को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत अपनी सेहत की जांच करानी चाहिए।आज हम आपको बताएंगे
कुछ लोग अपने घर से बाहर रहते हैं इसलिए भी उन्हें बाहर का भोजन खाना पड़ता है। बाहर कखानापको स्वादिष्ट तो लगता है , साथ ही साथ आपको खाना बनाने से छुट्टी भी मिल जाती है,लेकिन कई बार आपको ये खाना मुश्किल में भी डाल देता है। भोजन पकाते समय साफ-सफाई का ध्यान न रखने और सब्जियों और फलों को बिना अच्छी तरह साफ किए इस्तेमाल करने से भी फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता हैं। यदि आपको खाने के कुछ घंटों के बाद उल्टी, जी मिचलाने या तेज पेट दर्द इत्यादि की शिकायत होती हैं तो यह फूड पॉइजनिंग के लक्षण हैं।
यहां कुछ घरेलू नुस्खे हैं जो फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं:
पानी पीना: पानी का सेवन करना फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। पानी पीने से शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
नमक और शहद का पानी: नमक और शहद को गुनगुना पानी में मिलाकर पीने से फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
अदरक का रस: अदरक का रस फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। अदरक के गुणों के कारण यह पाचन को सुधारता है और जीवाणुओं के खिलाफ लड़ाई में मदद कर सकता है।
नींबू पानी: नींबू पानी में नींबू का रस और नमक मिलाकर पीना फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम कर सकता है और शरीर को ताजगी प्रदान कर सकता है।
कोकोनट वॉटर: कोकोनट वॉटर में प्राकृतिक तरीके से विटामिन्स, मिनरल्स और तत्वों की अच्छी मात्रा होती है जो फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम कर सकती है।
यह नुस्खे केवल फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। यदि लक्षण गंभीर हैं या लंबे समय तक बने रहते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।