मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) को आदेश दिया है कि वह ठाणे जिले में चार साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मारे गए 18 वर्षीय ईंट भट्टा मजदूर के माता पिता को 13.6 लाख रुपये का भुगतान करे।ठाणे मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के अध्यक्ष एस बी अग्रवाल का यह आदेश 10 जनवरी को पारित किया गया था, जिसकी एक प्रति हाल ही में उपलब्ध कराई गई है।
मृत व्यक्ति सचिन सुरेश वाघे के माता-पिता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सतीश तिवारी ने न्यायाधिकरण को बताया कि 20 जनवरी, 2019 को किशोर दोपहिया वाहन पर पीछे बैठ कर कहीं जा रहा था। इसी दौरान महाराष्ट्र राज्य सड़़क परिवहन निगम की एक बस ने मुंबई-गोवा राजमार्ग पर वाहन को टक्कर मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी।पीड़ित के माता-पिता ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166 के तहत एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने मुआवजे की मांग की थी।
पुलिस की रिपोर्ट और गवाहों की गवाही की जांच करने के बाद, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण अध्यक्ष ने महाराष्ट्र राज्य सड़़क परिवहन निगम को बस चालक की लापरवाही के कारण दुर्घटना के लिए जिम्मेदार पाया गया।न्यायाधिकरण ने याचिकाकर्ताओं को 13.6 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया,
जिसमें संपत्ति के नुकसान, अंतिम संस्कार का खर्च और पारिवारिक नुकसान के लिए मुआवजा शामिल था।याचिकाकर्ताओं को मुआवजा राशि पर 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष का ब्याज देने की व्यवस्था भी दी गई। न्यायाधिकरण ने निर्देश दिया कि मुआवजे का एक हिस्सा याचिकाकर्ताओं के लिए सावधि जमा में रखा जाए, जबकि बाकी का भुगतान चेक के माध्यम से किया जाएगा।