संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आंत में बैक्टीरिया का संतुलन बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आंत में अच्छे बैक्टीरिया का स्तर कम हो जाए और बुरे बैक्टीरिया का स्तर बढ़ जाए तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से हानिकारक हो सकता है। इससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। इसके अलावा शरीर में सूजन और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं। इसलिए सेहतमंद रहने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप आंत में बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ने न दें। अक्सर लोगों द्वारा यह सवाल पूछा जाता है कि आंत से बैड बैक्टीरिया कैसे साफ करें और अच्छे बैक्टीरिया कैसे बढ़ाएं? न्यूट्रिशनिस्ट अंजली मुखर्जी की मानें, तो अपने लाइफस्टाइल और खानपान में कुछ मामूली बदलाव करके आप आसानी से आंत से खराब बैक्टीरिया साफ कर सकते हैं। अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने आंत से बैड बैक्टीरिया कम करने और गुड़ बैक्टीरिया बढ़ाने के लिए कुछ सरल टिप्स शेयर किये हैं। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं….
आंतों से खराब बैक्टीरिया कम करने और अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाने के टिप्स-
1. गुड यानी कॉम्प्लेक्स कार्ब्स का सेवन करें- अच्छे कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से आंत में अच्छे बैक्टीरिया पर पनपते हैं। इसलिए कोशिश करें कि डाइट में राजमा, चोली, मटर जैसी फलियां, साथ ही बाजरा, ज्वार और नाचिनी जैसे हाई फाइबर वाले अनाज डाइट में शामिल करें। ये सभी अच्छे बैक्टीरिया के लिए चारे की तरह हैं, जो बैक्टेरॉइडेटस को विकसित करते हैं।
2. अधिक फाइबर खाएं
फाइबर प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका है ढेर सारी सब्जियां, फल और ढेर सारी कच्ची सब्जियों का सलाद डाइट में शामिल करना। यह प्राकृतिक फाइबर का बेहतरीन स्रोत हैं। इनका सेवन कोई विकल्प नहीं है, बल्कि आपको इनका सेवन जरूर करना चाहिए। लेकिन अगर पर्याप्त फल-सब्जियां नहीं खा पा रहे हैं, तो कुछ जरूरत पूरा करने के लिए इसबगोल खाना शुरू कर सकते हैं। एक चम्मच इसबगोल लें, इसे पानी में मिलाएं और पी लें। यह भी अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाने में मदद करता है।
3. चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से बचें- सभी प्रकार के मैदा, रुमाली रोटी, नान, केक, पेस्ट्री, मैदा से संबंधित कुछ भी खाने से बचें। इससे केवल फर्मिक्यूट्स ही बढ़ेंगे, जो मोटापे और सूजन का कारण बनेंगे। अक्सर मिठाइयां और आइसक्रीम खाने से बचें। आप सिर्फ इसे महीने में एक या दो बार खा सकते हैं, लेकिन आपको भोजन के बाद हर रोज मिठाई लेने की आदत है, तो इस आदत को रोकें, क्योंकि इससे केवल नुकसान ही बढ़ेगा। यह आंत में खराब बैक्टीरिया और सूजन बढ़ाने, साथ ही मोटापे का कारण बनते हैं।
4. अपनी एक दिनचर्या बनाए- आयुर्वेद के अनुसार, आपको दिन में एक शेड्यूल बनाए रखना होगा। अपने खाने, सोने और व्यायाम करने का शेड्यूल बनाए रखें। आपकी आंत में बैक्टीरिया का भी यही शेड्यूल होता है। जब आपका शेड्यूल अनियमित होता है और आप तय समय अनुसार इन कार्यों को नहीं करते हैं, तो इससे हमेशा अच्छे बैक्टीरिया की तुलना में फर्मिक्यूट्स अधिक बढ़ेंगे, या अच्छे गुड की तुलना में बैड बैक्टीरिया बढ़ेंगे।
5. कैलोरी का सेवन सीमित करें- कैलोरी को प्रतिबंधित करने के लिए उपवास करना एक अच्छा विचार है। इसके अलावा, आप अपनी क्षमता का तीन चौथाई खाने का प्रयास कर सकते हैं। सरल शब्दों में आप जो खा रहे हैं, उससे कम खाने का प्रयास करें। आप जो उपभोग कर रहे हैं उससे 30% कम खाया जा सकता है। यह पाचन को बेहतर बनाने, अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने और बुरे बैक्टीरिया को कम करने में मदद करेगा।
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