‘मुसलमानों को आरक्षण’ की वकालत करने वाले राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के सुर कुछ ही समय में बदल गए हैं. बीजेपी के हमलों के बीच अब उन्होंने कहा है कि आरक्षण सामाजिक आधार पर है, धर्म के आधार पर नहीं. मैंने मंडल कमीशन लागू किया था. अटल बिहारी वाजपेई ने संविधान समीक्षा आयोग का गठन किया था. भाजपा दलित-पिछड़ा विरोधी है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार सुबह पटना में मुस्लिमों के लिए आरक्षण की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों को आरक्षण मिलना चाहिए. इस बयान के कुछ देर बाद अब लालू का कहना है कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं होता है. तीसरे चरण का रुख हमारे पक्ष में है. बीजेपी 400 पार की बात केवल मनोवैज्ञानिक दबाव के लिए बोल रही है. ये लोग 200 भी नहीं पार कर रहे हैं.। तीसरे चरण का रूख हमारे पक्ष में है।
लालू यादव के ये बदले सुर उस वक्त सामने आए हैं, जब पीएम मोदी ने एक चुनावी सभा में उन पर हमला बोला. एमपी में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, दो सप्ताह पहले मैंने कांग्रेस को तीन बातें लिखकर देने की चुनौती दी थी. मैंने कहा था कि देश की जनता को लिखकर दो कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दोगे. एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण कभी नहीं छीनोगे. कांग्रेस की राज्य सरकारें ओबीसी के कोटे से डाका डालकर आरक्षण नहीं देंगी.
पीएम ने आगे कहा, ये तीनों सवाल बहुत साधारण हैं. मगर, कांग्रेस ने मुंह पर ताला लगा लिया है. ये चुप्पी खतरे वाली है. मैंने उनके दिमाग का एक्सरे निकाला है. इसमें वोट बैंक दिख रहा है. कांग्रेस तो चुप है, मगर आज इनके बड़े साथी ने गठबंधन के इरादों पर मुहर लगा दी है. पशुओं का चारा खाने के कारण जेल जाने वाले नेता ने कहा है कि मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इसका मतलब हुआ कि ये एससी, एसटी और ओबीसी समाज के आरक्षण को छीनकर मुसलमानों को देना चाहते हैं. अब इनके पास और कुछ बचा भी नहीं है, इसी वोट बैंक के सहारे ये सांसें गिन रहे हैं. इसके साथ ही बिहार के डिप्टी सीएम ने भी लालू पर हमला बोला. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा, लालू यादव कितनी भी कोशिश कर लें, अलग से मुसलमानों को रिजर्वेशन नहीं मिलेगा.
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