थायराइड रोगियों के लिए रोजाना अलसी का सेवन क्यों जरूरी है, जानिए

थायराइड ग्रंथि गर्दन के सामने की तरफ स्थित एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है। यह थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) नामक हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करते हैं, जिसमें चयापचय, हृदय गति और शरीर का तापमान शामिल है।थायराइड की समस्याएं तब होती हैं जब थायराइड ग्रंथि बहुत अधिक या बहुत कम हार्मोन का उत्पादन करती है।

अलसी के बीज (Flaxseeds) थायराइड की समस्या को कंट्रोल करने में मददगार हो सकते हैं, क्योंकि वे अमीग्डलिन, लिग्नान, और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स जैसे पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होते हैं। आज हम आपको बताएँगे आलसी का सेवन कैसे करे जिससे थायराइड कंट्रोल में रहे।

सब्जियों या दाल के साथ: अलसी के बीजों को सब्जियों या दाल में मिलाकर खाना सेवन किया जा सकता है।

सलाद में: अलसी के बीजों को सलाद में मिलाकर खाना एक स्वस्थ विकल्प हो सकता है।

स्मूथीज़ या योगर्ट में: अलसी के बीजों को स्मूथीज़ या दही में मिलाकर पीना भी एक अच्छा तरीका हो सकता है।

ब्रेड या रोटी में: अलसी के बीजों को ब्रेड या रोटी में मिलाकर खाना भी एक उत्तम विकल्प हो सकता है।

आटा में मिलाकर: आटे में अलसी के बीजों को मिलाकर रोटी या पराठा बनाना भी संभव है।

नाश्ते में: अलसी के बीजों को नाश्ते के समय सेवन करना भी फायदेमंद हो सकता है।

अलसी के बीजों का नियमित सेवन करने से थायराइड के रोगी को लाभ हो सकता है। लेकिन, इससे पहले कि आप अलसी के बीजों का सेवन करें, अपने चिकित्सक से परामर्श करें, खासकर यदि आप दवाओं का सेवन कर रहे हैं या अन्य मेडिकल कंडीशन्स हैं। वे आपको सही दिशा में नेविगेट कर सकते हैं।

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