मां बनने का सुखद अहसास कोई भी मां ताउम्र नहीं भूल पाती. प्रेग्नेंसी के नौ माह किसी भी महिला के लिए बहुत अनोखे और क्रूशियल होते हैं. इस दौरान सेहत का खास ध्यान रखना पड़ता है. इस दौरान कई कई चीजें खाने से मना किया जाता है जिससे गर्भ पर बुरा असर पड़ता हो. पपीता भी ऐसा ही एक फल है जिसके बारे में कहा जात है कि प्रेग्नेंसी में इसका सेवन खतरनाक हो सकता है. क्या क्या वाकई ये बात सच है? क्या वाकई प्रेग्नेंसी में पपीते के सेवन से मिसकैरेज हो सकता है. चलिए आज इसी मसले पर बात करते हैं कि प्रेग्नेंसी में पपीता खाना वाकई नुकसादेय है या नहीं.
पपीते में ऐसा क्या है जो प्रेग्नेंसी में करता है नुकसान
दरअसल कच्चे पपीते में पाया जाने वाले लेटेक्स प्रेग्नेसी पीरियड में नुकसादेय साबित होता है. इसक सेवन करने से गर्भाशय सिकुड़ने की संभावना बढ़ जाती है जिससे होने वाले शिशु के लिए खतरा पैदा सकता है. सिकुड़ा हुआ गर्भायस भ्रूण का विकास नहीं होने देता जिसके चलते गर्भपात यानी मिसकैरेज होने के जोखिम बढ़ जाते हैं.
प्रेग्नेंसी में कैसा पपीता खाना है फायदेमंद
डॉक्टर कहते हैं कि कच्चा पपीता खाने की बजाय होने वाली मां को पूरी तरह पका हुआ पपीता खाना चाहिए. पूरी तरह पके पपीते में विटामिन सी और विटामिन ई पाए जाते हैं और इसके साथ ही इसमें मां के लिए फाइबर और होने वाले शिशु के विकास के लिए भरपूर फोलिक एसिड भी मौजूद होता है.लेकिन डॉक्टर ये भी कहते हैं पपीता पका होने के साथ साथ इसका सेवन भी काफी सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. यानी प्रेग्नेंसी में अगर सीमित मात्रा में यानी थोड़ा सा पका पपीता खाया जाए तो वो नुकसान नहीं करेगा. आमतौर पर लोग समझ नहीं पाते कि किस तरह के पपीते का सेवन करना प्रेग्नेंसी में लाभदायक होता है. इसी कंफ्यूजन में गलत पपीता खाने के नुकसान होते हैं. इससे बचने के लिए डॉक्टर ही अक्सर होने वाली मां को पपीते के सेवन से रोक देते हैं.
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