आज हम बात करेंगे ऐसी बीमारी के बारे में जिसमें सरसों तेल या रिफाइन नहीं खाना चाहिए. दरअसल हम बात कर रहे हैं यूरिक एसिड के बारे में जिसमें प्रोटीन और फैट डाइट से दूरी बनानी चाहिए. यह बीमारी खराब मेटाबोलिज्म और फाइबर की कमी के कारण होता है. इस बीमारी में सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपकी डाइट में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन और हेल्दी फैट होनी चाहिए. यह जोड़ों में प्यूरिन जमा होने के कारण बढ़ सकता है. जिसकी वजह से गाउट की समस्या बढ़ जाती है. ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है कि डाइट में वैसी चीजों को शामिल किया जाना चाहिए जिससे आपका यूरिक एसिड कंट्रोल में रहे. अब सवाल यह उठता है कि बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए कौन सा तेल सबसे अच्छा है?
यूरिक एसिड में कौन सा तेल खाना चाहिए?
सूरजमुखी का तेल
यूरिक एसिड बढ़ने पर आपको सनफ्लॉवर ऑयल खाना चाहिए. यह काफी ज्यादा हेल्दी भी रहता है. दरअसल, इस तेल में प्यूरिन काफी ज्यादा कम होता है. इसे खाने यूरिक एसिड बढ़ता नहीं है बल्कि कंट्रोल में रहता है. साथ ही इसमें मैग्निशियम भी होता है जो एंटी इंफ्लेमेटरी इफेक्ट के साथ शरीर पर असर करता है. साथ ही गाउट के दर्द करने के साथ-साथ शरीर में फैट बढ़ने को स्लो करता है साथ मेटाबोलिज्म को भी स्लो करता है.
ऑलिव ऑयल
यूरिक एसिड वाले मरीजों के लिए ऑलिव ऑयल अच्छा है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं. साथ ही इसकी वजह से यूरिक एसिड की दिक्कत भी कम हो जाती है.जोड़ों के दर्द को कम करने के साथ-साथ यूरिक एसिड में होने वाले गाउट के दर्द को कम किया जा सकता है. ऑलिव ऑयल पेट और लिवर के लिए अच्छा माना जाता है.
निष्कर्ष
अगर आपको यूरिक एसिड की समस्या है तो इन 2 तेलों का इस्तेमाल आपको अपने किचन में करना है. यह आपकी सेहत के लिए काफी ज्यादा हेल्दी और गुणों से भरपूर है. यह आपको पेट की बीमारी और दिल की बीमारी से बचाने में काफी ज्यादा फायदेमंद है.
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