जानिए, सेहत के लिए कैसे अच्छी हैं अनपॉलिश्ड दालें

दालों का भारतीय भोजन में बहुत महत्वपूर्ण जगह है। रोज की डाइट में अलग-अलग ढंग से दाल बनाई जाती है. इनमें फाइबर की मात्रा अधिक और कैलोरी की मात्रा कम होती है। इसलिए मसल्स हेल्थ के साथ-साथ यह पूरे शरीर को फायदा पहुंचाती है। इन दिनों पॉलिश्ड दाल की बजाय अनपॉलिश्ड दाल खाने का चलन तेजी से बढ़ा है। खासकर फिटनेस फ्रीक तो कभी भी पॉलिश्ड दाल नहीं खाना चाहते हैं। सबसे पहले जानते हैं दोनों के बीच के अंतर को।आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से।

आखिर बाजार में क्यों बिकती हैं पॉलिश की हुई दालें :-

पॉलिश की हुई दालों की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है। आठ महीने तक इसे स्टॉक में रखा जा सकता है। इसके अलावा, यदि कोई स्टॉक पुराना हो जाता है, तो अक्सर दालों को फिर से पॉलिश कर दिया जाता है। पॉलिश करने से दाल की ऊपरी परत से कीटनाशक निकल जाते हैं।

बिना पॉलिश वाली या अनपॉलिश्ड दालें खाने के कारण:-

बिना पॉलिश की हुई दालें स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता हैं। पॉलिशिंग एजेंट खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि आयल कोटिंग वाले भोजन में अधिक वसा होती है।

स्वाद के लिए :-

दाल की बाहरी सतह को पॉलिश करने के बाद पॉलिश की हुई दाल का स्वाद बिना पॉलिश की हुई दाल के स्वाद से कम होता है।

समय की बचत :-

पॉलिश की गई दाल को पकाने में भी काफी समय लगता है, बिना पॉलिश की हुई दाल समय और ईंधन बचा सकती है।

विटामिन, मिनरल और फाइबर :-

दालों को विभिन्न प्रकार के पोषण संबंधी लाभों के लिए जाना जाता है। वे फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, पॉलीफेनोल्स और प्रोटीन से भरपूर होते हैं। पॉलिशिंग प्रक्रिया के दौरान दालें अक्सर महत्वपूर्ण मात्रा में फाइबर और पोषक तत्व खो देती हैं।

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