भारतीय घरों में दालचीनी का इस्तेमाल खाने का स्वाद और पोषक तत्व बढ़ाने के लिए किया जाता है। दालचीनी का उपयोग सब्जी, चाय, पुलाव आदि में किया जाता है। इसके अलावा शरीर को बीमारियों से मुक्त रखने के लिए दालचीनी का काढ़ा भी पिया जाता है। सर्दी और मानसून में बीमारियों से बचने के लिए ज्यादातर लोग दालचीनी का काढ़ा पीते हैं।सर्दी और मानसून में बीमारियों से बचने के लिए ज्यादातर लोग दालचीनी का काढ़ा पीते हैं। इस काढ़े को पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। दालचीनी के काढ़े का पानी सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं को ठीक करता है। दालचीनी का काढ़ा पेट की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. लेकिन क्या गर्मियों में दालचीनी का काढ़ा पी सकते हैं?
क्या गर्मियों में दालचीनी का काढ़ा पी सकते हैं?- एक्सपर्ट बताती हैं कि दालचीनी की तासीर बेहद गर्म होती है। इसलिए गर्मियों में पित्त प्रकृति के लोगों को दालचानी का काढ़ा पीने से परहेज करना चाहिए। अगर आपकी वात या कफ प्रकृति है, तो आप दालचीनी का काढ़ा पी सकते हैं। हालांकि, अगर आपको सर्दी-जुकाम की समस्या है, तो आप गर्मी के मौसम में भी दालचानी का काढ़ा पी सकते हैं। जिन लोगों को त्वचा, बवासीर, मल में खून निकलना, उल्टी जैसी समस्याएं रहती हैं, उन्हें भी गर्मियों में दालचीनी का काढ़ा नहीं पीना चाहिए।
गर्मियों में दालचीनी का काढ़ा कितनी मात्रा में पीना चाहिए?
गर्मियों में ज्यादा दालचीनी का काढ़ा न पियें। आप एक गिलास पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाकर काढ़ा बना सकते हैं। इससे ज्यादा दालचीनी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है. अगर आप दालचीनी में पुदीना, सौंफ या धनिया आदि मिलाकर काढ़ा बना लें तो यह सेहत के लिए अच्छा साबित हो सकता है।
गर्मियों में ज्यादा काढ़ा पीने के नुकसान-
अगर पित्त प्रकृति वाले गर्मियों में दालचीनी का काढ़ा पीते हैं, तो इससे उन्हें नुकसान पहुंच सकता है। दालचीनी का काढ़ा पीने से पेट में गर्मी होने लगती है। इसकी वजह से आपको सीने और पेट में जलन का अनुभव हो सकता है। गर्मियों में दालचीनी का काढ़ा पीने से नाक से खून, मतली या उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
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