एक्सपर्ट से जानिए क्या है डायबिटीज और क्यों होती है और कैसे प्रभाव डालती है शरीर पर

आज के समय में डायबिटीज की बीमारी तेजी से बढ़ रही है और बुजुर्ग लोगों के साथ-साथ बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। मधुमेह दो प्रकार के होते हैं; टाइप 1 और टाइप 2. इनमें से टाइप 1 डायबिटीज आनुवांशिक होती है, लेकिन टाइप 2 डायबिटीज आमतौर पर आहार और जीवनशैली के कारण होती है। इस बीमारी के शुरुआती लक्षण दिखते ही अगर आप सही कदम उठा लें तो इससे बचा जा सकता है।आज आपको बता रहे हैं कि डायबिटीज क्या है और डायबिटीज होने पर आपके शरीर में क्या होता है।

क्या है डायबिटीज? 

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपके शरीर में मौजूद ब्लड शुगर या ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज के बारे में समझने के लिए हम स्वास्थ्य एक्सपर्ट से जानते है। उन्होंने बताया कि शरीर में उर्जा यानी एनर्जी के लिए  ग्लूकोज सबसे जरूरी है और यह हमारे भोजन से बनता है। शरीर में ग्लूकोज को कोशिकाओं तक पहुंचाने के लिए अग्नाशय (पैंक्रियाज) से इंसुलिन का निर्माण होता है और इसके सहारे शरीर की सभी कोशिकाओं में ग्लूकोज पहुंचता है। डायबिटीज या मधुमेह होने पर आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है या तो उसका उपयोग सही ढंग से नहीं कर पाता है। जब शरीर में इंसुलिन पर्याप्त नहीं होता है तो इसकी वजह से शुगर या ग्लूकोज कोशिकाओं तक न पहुंच कर ब्लड न में घुलने लगता है। खून में घुले इसी शुगर या ग्लूकोज को ब्लड ग्लूकोज कहते हैं। जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है, हृदय रोग, नेत्र रोग और किडनी फेलियर जैसी समस्याएं होने का खतरा होता है।

शुगर क्या है और कैसे बनता है?

शुगर या ग्लूकोज आपके भोजन से बनता है और इसे शरीर की एनर्जी यानी उर्जा का मुख्य सोर्स माना जाता है। भोजन से ग्लूकोज बनने के बाद यह शरीर की सभी कोशिकाओं तक भेजा जाता है। शरीर के सभी अंगों, तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों को पोषण प्रदान करने के लिए शुगर सबसे जरूरी होता है। लेकिन इंसुलिन के ठीक से इस्तेमाल न कर पाने के कारण जब ब्लड में शुगर बढ़ने लगता है, तो इस स्थिति को डायबिटीज कहते हैं।

टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज क्या है?

डायबिटीज  मुख्य रूप से 2 तरह की होती है। इसे टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज के नाम से जाना जाता है।

टाइप 1 डायबिटीज- टाइप 1 डायबिटीज की बीमारी में आपके अग्नाशय में इंसुलिन का निर्माण बंद हो जाता है और इसकी वजह से  ब्लड में ग्लूकोज या शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। एक आंकड़े के मुताबिक डायबिटीज से पीड़ित करीब 10 प्रतिशत लोगों में यह समस्या होती है। टाइप 1 डायबिटीज के लिए आनुवांशिक कारण और वायरल इन्फेक्शन को सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जाता है।

टाइप 2 डायबिटीज- टाइप 2 डायबिटीज में आपका अग्नाशय शरीर की जरूरत के मुताबिक इंसुलिन नहीं बना पाता है या शरीर में हॉर्मोन सही ढंग से काम नहीं कर पाता है। टाइप 2 डायबिटीज का खतरा सबसे ज्यादा अधिक उम्र वाले लोगों में, मोटापे की समस्या और शारीरिक श्रम न करने वाले और गर्भवती महिलाओं में रहता है।

डायबिटीज होने से क्या परेशानियां हो सकती हैं?
डायबिटीज के मरीजों को इन समस्याओं और परेशानियों का खतरा ज्यादा रहता है-

1.खून की नसों को गंभीर नुकसान।
2.आंख की रोशनी कम होना।
3.हाइपरटेंशन और हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा।
4.किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा।
5.गंभीर मामलों में मरीज की मौत।

एक आंकड़े के मुताबिक साल 2016 में ही लगभग 16 लाख लोगों की मौत सिर्फ डायबिटीज की वजह से हुई थी। इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए डाइट में सब्जियां, फल और साबुत अनाज को शामिल करना फायदेमंद होता है। इसके अलावा नियमित रूप से शारीरिक श्रम या व्यायाम करने वाले लोगों में भी डायबिटीज का खतरा कम रहता है। अगर आपको भी डायबिटीज के लक्षण दिखाई देते हैं तो सबसे पहले खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार करें और डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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