वर्तमान समय में हम कई ऐसी कृत्रिम चीजों से घिरे हुए हैं, जिनका उपयोग करना हमारी आदत बन गई है, चाहे बात खाने की हो या खाने से जुड़ी चीजों की। वर्तमान समय में कई ऐसी चीजें हैं जो हमारे दैनिक जीवन में उपयोग तो होती हैं लेकिन हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालती हैं। हम भले ही इन छोटी-मोटी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन ये चीजें हमारे स्वास्थ्य पर कई तरीके से प्रभाव डालती हैं। इन्हीं में से एक है नॉनस्टिक बर्तनों और पैन का प्रयोग, जिनका लोग बहुत ज्यादा प्रयोग करने लगे हैं। आपकी रसोई में रखे नॉनस्टिक बर्तन क्या आपके स्वास्थ्य के लिए हेल्दी हैं इसके बारे में आपने कभी सोचा है? अगर नहीं तो आपके लिए ये जानना बहुत ही जरूरी है कि इन नॉनस्टिक का प्रयोग आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है और अगर नहीं तो क्यों नहीं है।
नॉनस्टिक के बारे में क्या है दावें?- दुनियाभर में नॉनस्टिक पैन और बर्तनों का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ रहा है और हम अपने रोजमर्या के जीवन में इनका बखूबी इस्तेमाल करते भी हैं। लेकिन इन पैन पर चढ़ी नॉनस्टिक कोटिंग को लेकर अक्सर लोगों के बीच बहस होती है। इस नॉनस्टिक कोटिंग को टेफलोन कहते हैं। कई स्त्रोतों का दावा है कि ये हानिकारक होती है और कैंसर जैसी कई स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़ी हुई होती है। जबकि कुछ नॉनस्टिक बर्तनों में खाना पकाने को पूर्ण रूप से सुरक्षित मानते हैं। नॉनस्टिक कूकवेयर जैसे फ्राइपैन, सॉसपैन पर एक तरह की परत चढ़ी हुई होती है, जिसे पॉलीटेट्राफ्लोरोथेलीन कहते हैं, जिसकों आम भाषा में टेफलोन के रूप में जाना जाता है।
क्यों बढ़ रहा है नॉनस्टिक का प्रयोग- नॉनस्टिक बर्तनों की सतह को टेफलोन कोटेड इसलिए बनाया जाता है क्योंकि ये प्रयोग करने और खाना पकाए जाने के बाद साफ करने में आसान होती हैं। इसके साथ ही इसमें बहुत कम तेल या मक्खन की जरूरत होती है, जिसके कारण आपका खाना हेल्दी तरीके से पका होता है। मौजूदा वक्त में सभी टेफलोन उत्पाद पीएफओए (PFOA-free) मुक्त होते हैं। इसलिए PFOA के स्वास्थ्य प्रभाव अब चिंता का विषय नहीं रह गए हैं। इसके बावजूद कई शोध में पाया गया है कि टेफलोन कूकवेयर PFOA का कोई जरूरी स्त्रोत नहीं है।
कितने तापमान पर पकाएं भोजन- एक्सपर्ट का कहना है कि सभी कंपनियां तय नियमों को पूरा कर रही है इसलिए नॉनस्टिक कूकवेयर सहित सभी टेफलोन उत्पाद 2013 के बाद से (PFOA-free) हो चुके हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि टेफलोन एक सुरक्षित और स्टेबल कंपाउंड है। हालांकि 570 फेरनहाइट (300 डिग्री सेल्सियस) से ज्यादा के तापमान पर खाना नहीं पकाया जाना चाहिए क्योंकि इससे ज्यादा तापमान पर नॉनस्टिक कूकवेयर पर चढ़ी टेफलोन कोटिंग टूटना शुरू हो जाती है और हवा में विषाक्त रसायन छोड़ने लगती है। इसलिए कभी भी नॉनस्टिक पैन को जरूरत से ज्यादा गर्म नहीं करना चाहिए।
कैसे करें सही कूकवेयर की पहचान- अगर आप नॉनस्टिक पैन खरीदना ही चाहते हैं तो सुनिश्चित करें कि आपका पैन अच्छी कंपनी का हो। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पैन को बनाने में अच्छी गुणवत्ता का इस्तेमाल किया गया हो। दरअसल आप सिर्फ बर्तन नहीं बल्कि अपने स्वास्थ्य से जुड़ी एक जरूरी चीज खरीदने जा रहे हैं। जब आपके बर्तन ही स्वस्थ नहीं होंगे तो आप कैसे स्वस्थ रहेंगे।
इस तरीके से कम करें खाना पकाते वक्त खतरा
- बेवजह खाली पैन को पहले से ही गर्म न करें।
- तेज आंच पर खाना पकाने से बचें।
- जब आप खाना पका रही हों तो अपने एग्जॉस्ट फैन को ऑन करें।
- किसी प्रकार की घटना से बचने के लिए रसोई की खिड़की भी खोल दें।
- बर्तनों को धीरे-धीरे धोएं। बर्तन धोने के लिए स्पंज, साबुन और गर्म पानी का इस्तेमाल करें।
- स्टील के जूने से बर्तन न मांझे क्योंकि ये कोटिंग को खराब कर सकते हैं।
- पुराने बर्तन बदल दें क्योंकि इनकी सतह हल्की होकर जल्दी गर्म हो जाती है, जिस कारण खाना सही से नहीं पक पाता है।
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