शनिवार को राऊज एवेन्यु कोर्ट में दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में CM अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। दिल्ली CM ने मेडिकल ग्राउंड पर 7 दिन की जमानत के लिए की मांग की है। लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट में उनकी अपील का विरोध किया।केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर शनिवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि मामले में 5 जून को फैसला सुनाया जाएगा।
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. दिल्ली सीएम ने मेडिकल आधार पर 7 दिन की जमानत की मांग की है. लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट में उनकी अपील का विरोध किया. ईडी ने विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की पीठ में अपनी दलीलें पेश करते हुए दावा किया कि केजरीवाल ने तथ्यों को छुपाया है और अपने स्वास्थ्य के संबंध में गलत बयान दिये हैं. उनका वजन 1 किलो बढ़ गया है, लेकिन वह झूठा दावा कर रहे हैं कि उनका वजन 7 किलो कम हो गया है.
बता दे की वही पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि केजरीवाल ने 31 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भ्रामक दावा भी किया कि वह 2 जून को सरेंडर करने जा रहे हैं।हालांकि कोर्ट में केजरीवाल के वकील ने कहा कि वे बीमार हैं और उन्हें इलाज की जरूरत है। हालांकि कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला 5 जून तक सुरक्षित रख लिया है।
CM केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को उन्हें अंतरिम जमानत दी थी, जो 1 जून को खत्म हो रही है। 2 जून को उन्हें सरेंडर करना होगा।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने एक स्पीकिंग ऑर्डर पारित किया, लेकिन केजरीवाल ने उस ऑर्डर को दबा दिया। इसके पीछे का यह है कि वे चुनाव प्रचार के उद्देश्य से यात्रा कर रहे थे, लेकिन उन्होंने तब मेडिकल टेस्ट नहीं करवाए।
ED ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि हमें अंतरिम जमानत दाखिल करने पर भी आपत्ति है। ये कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बदल नहीं सकती। वे अंतरिम जमानत पर हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है। मेडिकल टेस्ट करवाने के बजाय, वे यात्रा कर रहे थे। जबकि मेडिकल टेस्ट में एक घंटे से ज्यादा समय नहीं लगेगा।
अरविंद केजरीवाल के वकील एन हरिहरन ने कोर्ट में कहा कि अंतरिम जमानत पार्टी के लिए प्रचार करने के मकसद से दी गई थी, क्योंकि आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है। केजरीवाल 20 दिनों के लिए बाहर हैं और अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता, तो आप कहता कहते कि देखिए उन्होंने प्रचार नहीं किया और बीमार हो गए।
जेल में मैं 50 दिन था। इन 50 दिनों में मेरा 6 किलो वजन कम हुआ। डॉक्टर कह रहे हैं कि मुझे कई टेस्ट कराने की जरूरत है। मेरी यूरिन में कीटोन का लेवल भी बढ़ा हुआ है।मेरे हौसले बुलंद है। इस बार भी मैं झुकूंगा नहीं। आप खुश रहेंगे तो केजरीवाल भी खुश रहेगा। मैं आपके बीच नहीं आऊंगा, लेकिन आपके सारे काम होते रहेंगे।मैं जहां भी रहूं, दिल्ली के काम नहीं रुकेंगे। अस्पताल, मोहल्ला क्लिनिक, फ्री बस सेवा जैसी सभी योजनाएं चलती रहेंगी। मैंने हमेशा आपके परिवार का बेटा बन के अपना फर्ज निभाया है।
आज मैं अपने परिवार के लिए आपसे कुछ मांगना चाहता हूं।
CM केजरीवाल ने कहा मेरे माता-पिता बुजुर्ग हैं। मुझे जेल में उनकी चिंता लगी रहती है। मैं चाहता हूं कि दिल्ली की जनता मेरे माता-पिता का ख्याल रखे।मेरी पत्नी सुनीता बहुत मजबूत हैं। उन्होंने हर मुश्किल वक्त में मेरा साथ दिया है। मुश्किल वक्त में परिवार एक हो जाता है। हम सब मिलकर तानाशाही से लड़ रहे हैं।आपकी प्रार्थनाओं की वजह से मैं जिंदा हूं। आगे भी आपका आशीर्वाद ही मेरी रक्षा करेगा। भगवान ने चाहा तो आपका ये बेटा बहुत जल्द वापस आएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। दिल्ली सीएम ने मेडिकल ग्राउंड पर एक जून तक मिली अंतरिम जमानत को 7 दिन बढ़ाने की मांग की थी। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की वेकेशन बेंच ने कहा कि अंतरिम जमानत बढ़ाने का फैसला CJI करेंगे, क्योंकि मुख्य मामले में केजरीवाल के खिलाफ फैसला सुरक्षित है।