कर्नाटक सरकार ने इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी को ‘महिलाओं के लिए असुरक्षित’ और मोटर वाहन अधिनियम के खिलाफ पाए जाने के बाद राज्य में इन सेवाओं के संचालन पर रोक लगा दी है।
राज्य सरकार ने एक आदेश में कहा कि 2021 में शुरू की गई कर्नाटक इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी योजना अब वापस ले ली गई है।अधिसूचना के मुताबिक, “हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ निजी ऐप-आधारित कंपनियां मोटर वाहन अधिनियम और उसके नियमों का उल्लंघन कर रही हैं और परिवहन वाहनों के रूप में गैरकानूनी गैर-परिवहन दोपहिया वाहन चला रही हैं।”
इसमें कहा गया है कि ऑटो रिक्शा और ‘मैक्सी कैब’ के मालिकों और ड्राइवरों की अक्सर बाइक सवारों के साथ कहा-सुनी होती रहती थी जिसके बाद कई मामले भी दर्ज किए गए। इस योजना की वजह से परिवहन विभाग के लिए कर संग्रह भी मुश्किल होने लगा था।अधिसूचना के मुताबिक, राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने और दोपहिया बाइक टैक्सी पर यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह योजना रद्द कर दी है।
ओला-उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तनवीर पाशा ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2021 में बेंगलुरु में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों को अनुमति दी थी।पाशा ने कहा, “हमारे विरोध के बावजूद पिछली सरकार ने अनुमति वापस नहीं ली थी। हम इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे थे और हमने सरकार को यह समझाने की भी कोशिश की थी कि इस अनुमति का ऑटो और टैक्सी चालकों के जीवन पर किस तरह से असर पड़ेगा।