झारखंड की राजधानी रांची में ‘शौर्य जागरण यात्रा कार्यक्रम’ में भाग लेने के बाद हजारीबाग लौट रहे बजरंग दल कार्यकर्ताओं की बस पर एक भीड़ ने पथराव किया जिसमें महिलाओं समेत उसके कम से कम 10 कार्यकर्ता घायल हो गए।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि यह घटना रविवार रात करीब आठ बजकर 45 मिनट पर हजारीबाग के समीप पेलावल इलाके में एक मस्जिद के समीप हुई।हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन छोटे ने बताया कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गयी है लेकिन घटना में शामिल दोनों समूहों के लोगों की पहचान कर ली गयी है और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जांच के आधार पर गिरफ्तारियां की जाएंगी क्योंकि पथराव करने वाले एक विशेष समुदाय के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि बस मस्जिद के सामने रुकी थी और यात्रियों ने ‘जय श्री राम’ तथा अन्य नारे लगाए थे।पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह घटना हजारीबाग शहर के समीप पेलावल में एक मस्जिद के सामने हुई जब बस के यात्री हजारीबाग से करीब 30 किलोमीटर दूर
कटकमसांडी लौट रहे थे।उन्होंने दावा किया कि पुलिस बल के समय रहते मौके पर पहुंचने के कारण कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।उन्होंने बताया कि पुलिस की सुरक्षा में बस को कटकमसांडी के लिए रवाना किया गया जबकि कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहे लोगों को खदेड़ा गया और घर वापस भेजा गया।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ”अराजक तत्वों की पहचान कर ली गयी है और आज उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इलाके में शांति भंग करने की योजना बनाने वाले लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा। प्रशासन दोनों समूहों की इस तरह की हरकत को बर्दाश्त नहीं कर सकता। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।”विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल ने अगले साल जनवरी में अयोध्या में राम मंदिर के निर्धारित उद्घाटन के मद्देनजर रीति-रिवाजों के लिए लोगों को आमंत्रित करने के वास्ते रांची में रविवार को चार ‘शौर्य जागरण यात्रा’ निकाली।
रातू रोड स्थित पहाड़ी मंदिर, चुटिया के मंडा मैदान, बड़गाईं के पंचमुखी हनुमान मंदिर और रातू के रातू गढ़ से निकाली गई यात्रा में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए।शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरने के बाद चार रथ में सवार कार्यकर्ता प्रभात तारा मैदान पहुंचे जहां एक धार्मिक सभा में इसका समापन हुआ।
शनिवार को, विभिन्न मानवाधिकार संगठनों के गठबंधन, झारखंड जनाधिकार महासभा ने झारखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से रैलियों पर कड़ी नजर रखने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था कि कोई उत्तेजक या सांप्रदायिक भाषण न दिया जाए।