घरेलू हिंसा, यौन हिंसा सहित अन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को अल्प समय के लिए अस्थायी रूप से आवास की सुविधा के साथ पुलिस सहायता, परामर्श और विधिक सहायता उपलब्ध कराकर उनकी मदद की जाती है। झांसी के मेडिकल कॉलेज परिसर में संचालित हो रहे वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से इस वर्ष अब तक 295 महिलाओं को मदद प्रदान की गयी है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार झांसी में वर्ष 2017 में वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत की गयी। वर्ष 2017 में 75, वर्ष 2018 में 245, वर्ष 2019 में 240, वर्ष 2020 में 54, वर्ष 2021 में 75, वर्ष 2022 में 269 महिलाओं की वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से मदद की गयी। इस वर्ष जनवरी से अब तक 295 महिलाओं को वन स्टॉप सेंटर से मदद उपलब्ध कराई जा चुकी है।
वन स्टॉप सेंटर में मानसिक परामर्श, पुलिस की सहायता, विधिक सहायता, स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। घरेलू हिंसा, मानसिक विक्षिप्त, बाल विवाह, दहेज़ उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न सहित अन्य अपराधों से पीड़िता महिलाओं, बालिकाओं और किशोरियों को इस वन स्टॉप सेंटर में अल्प समय के लिए आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
झांसी के जिला प्रोबेशन अधिकारी सुरेंद्र कुमार पटेल ने बताया कि जनपद में हिंसा और विभिन्न प्रकार की अपराध पीड़ित महिलाओं को अस्थायी आश्रय प्रदान करने के मकसद से वन स्टॉप सेंटर संचालित हो रहा है और पीड़िताओं को विधिक व मानसिक परामर्श के साथ ही समस्या के समाधान के लिए विभिन्न विभागों का सहारा लिया जाता है। इस वर्ष अभी तक 295 महिलाओं और पीड़िताओं को वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से सहायता उपलब्ध कराई गयी है।