अपने बचपन से लेकर किशोरावस्था के शुरुआती दिनों तक पैट कमिंस ने ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप जीत की हैट्रिक पूरी करते देखा और 2015 में अपनी युवावस्था की शुरुआत में ही उन्होंने विश्व चैंपियन बनने के अनुभव को महसूस किया। अब 30 साल की उम्र में कमिंस बेजोड़ खिलाड़ियों की अगुआई करते हुए मजबूत भारतीय टीम को हराकर अभूतपूर्व छठा विश्व कप खिताब जीतने की अद्भुत भावना का अनुभव करना चाहते हैं।
कमिंस ने फाइनल की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा, ”यह बहुत बड़ा होगा। कुछ समय पहले तक हम सभी बच्चे थे, कुछ महान टीमों को 1999, 2003, 2007 विश्व कप जीतते हुए देख रहे थे। कल हमारे सामने वह अवसर है जो वास्तव में रोमांचक है। कप्तान के रूप में इन शानदार खिलाड़ियों के साथ ट्रॉफी उठाना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।”
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का मानना है कि चार साल में एक बार होने वाला यह टूर्नामेंट निश्चित रूप से उनके करियर का मुख्य आकर्षण होगा। उन्होंने कहा, ”यह अद्भुत होगा और शिखर के संदर्भ में, मुझे लगता है कि यह शीर्ष पर है। विश्व प्रतियोगिता में इसका सबसे लंबा इतिहास है जहां सभी टीमें प्रतिस्पर्धा करती हैं। आपको चार साल में केवल एक बार इसमें खेलने का मौका मिलता है।”
कमिंस, ”तो भले ही आपका करियर लंबा हो लेकिन शायद आप दो बार ही इस प्रतियोगिता में खेल पाओ। 2015 अभी भी मेरे लिए करियर का मुख्य आकर्षण है इसलिए मुझे लगता है कि कल अगर हम जीतते हैं तो हम इसे पीछे छोड़ सकते हैं।” एशेज और फिर विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप जीतने के बाद यह वर्ष ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए शानदार रहा है और 50 ओवर का विश्व कप सोने पर सुहागा होगा।
कमिंस ने कहा, ”मेरा मतलब है कि यह एक बहुत बड़ा साल रहा है। चार बड़े टूर्नामेंट। ऑस्ट्रेलिाया में गर्मियों का सत्र खत्म होने के बाद कुछ खिलाड़ियों ने अपने घर पर दो हफ्ते भी नहीं बिताए हैं।” उन्होंने कहा, ”टीम का मनोबल लगातार बना हुआ है। खिलाड़ी कमाल के हैं। वे प्रत्येक मैच में उत्साहित रहते हैं। और अगर हम खुद को इस स्थिति में रखते हैं तो यह एक अविश्वसनीय वर्ष का शीर्ष होगा और शायद करियर को परिभाषित करने वाला वर्ष। हमारे से बहुत से लोग आने वाले वर्षों में पीछे मुड़कर देखेंगे और इस पर बहुत गर्व करेंगे।”
टीम में कम से कम 12 खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने या तो 50 ओवर या फिर टी20 विश्व कप जीता है। कमिंस का मानना है कि वे टीम को अच्छी स्थिति में रखते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि बड़े अवसर के दबाव से कैसे निपटना है।
कमिंस ने कहा, ”मुझे लगता है कि यह एक बराबरी का मैच होने वाला है। अच्छी बात यह है कि हमारे पास छह या सात खिलाड़ी हैं जिन्होंने 2015 में इसे जीता था इसलिए हम उस अहसास को जानते हैं। टी20 विश्व कप में और भी अधिक खिलाड़ी थे, अलग प्रारूप, लेकिन टीम में शामिल लगभग हर कोई इसका हिस्सा था।”
जहां तक 132,000 दर्शकों के सामने खेलने के दबाव का सवाल है तो कमिंस चाहते हैं कि उनके साथी इस अवसर को स्वीकार करें, ठीक उसी तरह जैसे डेविड वार्नर ब्लॉकबस्टर तेलुगु फिल्म ‘पुष्पा’ से अल्लू अर्जुन का ‘श्रीवल्ली हुक स्टेप’
उन्होंने कहा, ”हम भारत में काफी खेलते हैं इसलिए शोर कोई नई बात नहीं है- हां, मुझे लगता है कि इस स्तर पर यह शायद उससे कहीं अधिक होगा जिसका हमने पहले अनुभव किया होगा लेकिन यह कुछ ऐसा नहीं है जिसका हमें पहले अनुभव नहीं है।”
मार्च में एकदिवसीय श्रृंखला में भारत को हराने के बाद कमिंस फाइनल में अपनी टीम की संभावनाओं को लेकर आश्वस्त हैं लेकिन उन्होंने मोहम्मद शमी को भारत के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी करार दिया।
उन्होंने कहा, ”वे सभी विभागों में बहुत अच्छे हैं। आप जानते हैं कि एक खिलाड़ी जो टूर्नामेंट की शुरुआत में नहीं खेला था, जिसने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया है, वह मोहम्मद शमी है। वह स्तरीय गेंदबाज है तो हां वह बड़ी भूमिका निभा सकता है।”
यहां तक कि बीच के ओवरों में कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा का सामना करना भी काफी कठिन होगा। कमिंस ने कहा, ”उनके पास पांच खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगभग हर मैच में 10 ओवर फेंके हैं। मुझे लगता है कि उनके स्पिनरों ने बीच के ओवरों में अच्छा प्रदर्शन किया है, कुलदीप और जडेजा, इसलिए हमेशा की तरह उनका सामना करना कठिन होने जा रहा है। आप जानते हैं कि उन्होंने प्रत्येक मैच जीता है इसलिए वे बहुत प्रभावशाली रहे हैं।”
– एजेंसी