इजराइल और हमास पिछले छह महीने से युद्ध लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यूक्रेन और रूस दो साल से ज्यादा समय से युद्ध लड़ रहे हैं. अब युद्ध के तीसरे मोर्चे के खुलने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. ईरान ने खुलेआम बदला लेने और इजराइल पर हमला करने की धमकी दी. कहा कि किसका पलड़ा भारी है, मुस्लिम या यहूदी, किसके पास कौन सा हथियार?
इस समय दुनिया में दो मोर्चों पर भीषण युद्ध चल रहा है। इजराइल और हमास पिछले छह महीने से युद्ध लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यूक्रेन और रूस दो साल से ज्यादा समय से युद्ध लड़ रहे हैं. अब युद्ध के तीसरे मोर्चे के खुलने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. शिया बहुल ईरान ने खुले तौर पर बदला लेने और इजराइल पर हमला करने की धमकी दी है और अमेरिका को भी हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दी है, अन्यथा उसे भी परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई है.
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार बीते सोमवार को इजरायल ने एक हवाई हमले में दमिश्क में मौजूद ईरानी वाणिज्य दूतावास को ध्वस्त कर दिया था। हमले में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड के टॉप जनरल मोहम्मद रेजा जहेदी और उनके सहयोगी मारे गए थे। हमले के बाद से ही ईरान ने बार-बार इजरायल के खिलाफ बदला लेने की धमकी दी है।
दरअसल, इजराइल इससे पहले भी कई बार सीरिया में हिजबुल्लाह और ईरानी ठिकानों पर मिसाइलें दाग चुका है। लेकिन सोमवार का हमला ईरान की आंखों में खटक रहा है क्योंकि इजरायल ने उसके वाणिज्यिक दूतावास पर हमला बोलकर सीधे तौर पर ईरान की संप्रभुता को चुनौती दी है और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्म्स (IRGC) के वरिष्ठ अधिकारियों को मार डाला है। इजरायल का कहना है कि उसने मोसाद के ठिकानों पर हुए अटैक कै बदला लिया है.
हमले के बाद से ईरान ने बार-बार इजरायल को जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। ईरान ने कहा था कि इजरायल से बदला जरूर लिया जाएगा और ये हम तय करेंगे. ईरान के प्रॉक्सी हिजबुल्लाह ने भी ‘दुश्मन को कड़ी सजा’ देने की कसम खाई है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अमेरिकी और इजरायली खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ईरान क्रूज मिसाइलों और कामिकेज़ ड्रोन से सीधे इजरायल को निशाना बना सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान की प्रतिक्रिया रमजान महीने के अंत तक आ सकती है.
आपको बता दे की इस हमले में जो सबसे बड़ा चेहरा मारा गया है, वह जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी था, जो IRGC का एक अनुभवी और टॉप कमांडर था। जाहेदी ने सीरिया और लेबनान में आईआरजीसी विदेशी ऑपरेशन विंग, कुस फोर्स का नेतृत्व किया था। उसकी हत्या से बौखलाए तेहरान ने इजरायल से इंतकाम लेने का खुला ऐलान कर दिया है।
युद्ध में कौन किसके साथ होगा.
ऐसे में अगर इजरायल और ईरान के बीच युद्ध का नया मोर्चा खुलता है तो इसके घातक परिणाम हो सकते हैं। क्योंकि इजरायल को जहां अमेरिका और ब्रिटेन समेत अन्य पश्चिमी देशों का समर्थन मिल सकता है वहीं ईरान को रूस, कतर, जॉर्डन का समर्थन मिल सकता है . सकता है, इराक. ,सीरिया और लेबनान साथ मिल सकते हैं। ईरान और रूस सीरिया और इराक में संघर्षों में सैन्य सहयोगी रहे हैं और अफगानिस्तान और सोवियत-सोवियत मध्य एशिया में व्यापार भागीदार भी रहे हैं। रूसी संघ ईरान को हथियारों और गोला-बारूद का मुख्य आपूर्तिकर्ता भी है।
इजराइल ने क्या तैयारी की है?.
ईरान की तरफ से हमले की आहट को देखते हुए इजरायल ने अपना जीपीएस नेविगेशन सिस्टम बंद कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि गाइडेड मिसाइल के हमलों को रोकने के लिए GPS बंद किया गया है। इतना ही नहीं इजरायल ने सभी सैनिकों की छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं और एयर डिफेंस कमांड को अलर्ट कर दिया है। इसके अलावा कई शहरों में एंटी बम शेल्टर्स को भी शुरू कर दिया गया है।
इजरायल vs ईरान में कौन शक्तिशाली है?.
सैन्य तैयारियों की बात करें तो दोनों तरफ से आक्रामक बयानबाजी हो रही हैं। द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा बजट के मामले में ईरान इजरायल से पीछे है लेकिन सक्रिय सैनिकों की संख्या के मामले में ईरान इजरायल से बहुत आगे है। रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल का रक्षा बजट 24.2 अरब डॉलर का है, जबकि ईरान का रक्षा बजट 9.9 अरब डॉलर अगला का है। हवाई शक्ति की बात करें तो इजरायल के पास 61: लेख प्लेन हैं तो ईरान के पास 551 प्लेन हैं। हालांकि, टैंक के मामले में ईरान इजरायल से करीब दोगुना ताकत रखता है। इजरायल के पास 2200 टैक्स हैं तो ईरान के पास 4071 टैंक्स हैं।
समुद्र में सैन्य शक्ति के मामले में भी ईरान इज़रायल से आगे है।इजराइल के पास 67 युद्धपोत हैं, जबकि ईरान के पास 101 हैं।यहां युद्धपोतों का बड़ा बेड़ा है. इसके अलावा इजराइल उसके पास 43 हजार बख्तरबंद गाड़ियाँ हैं, जबकि ईरान के पास हैं65 हजार बख्तरबंद गाड़ियां हैं. सैनिकों की संख्या के आगे भारत में भी ईरान इजराइल से बेहतर है। इज़राइल के पास 1.7 है; लेख लाख सैनिक हैं, जबकि ईरान के पास 5.75 लाख सक्रिय सैनिक हैं. सैनिक हैं. इसके अलावा इजराइल के पास 4.65 लाख रिजर्व हैंसैनिक, जबकि ईरान के पास 3.50 लाख रिज़र्व सैनिक हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के पास फिलहाल 80 परमाणु बम हैं, जबकि ईरान के पास आधिकारिक तौर पर कोई परमाणु बम नहीं है. साफ है कि इजरायल परमाणु बम के दम पर ही ईरान को युद्ध में हरा सकता है.
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