ईरान ने बुधवार को मिसाइल-संबंधी गतिविधियों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को ‘बिना शर्त’ समाप्त करने की पुष्टि की, जबकि अमेरिका ने उसी दिन ईरान की मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रम पर नए प्रतिबंध लगा दिए।
ईरान के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में कहा, “वर्षों पर पहले मिसाइल गतिविधियों और प्रासंगिक सेवाओं तथा प्रौद्योगिकियों के आदान-प्रदान को लेकर यूएनएससी द्वारा कुछ ईरानी व्यक्तियों और संस्थाओं की संपत्तियों की जब्ती और वित्तीय प्रतिबंधों सहित ईरान विरोधी प्रतिबंधों को आज बिना शर्त हटा लिया गया।”
बयान में कहा गया है कि ईरान की रक्षा बातचीत और सहयोग पर प्रतिबंध या पाबंदी लगाने का लक्ष्य रखने वाली कोई भी कार्रवाई अब संयुक्त राष्ट्र के प्रावधानों का उल्लंघन होगा क्योंकि यूएनएससी संकल्प 2231 के तहत ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया है। अमेरिका ने हालाँकि उसी दिन यह संकेत देने के लिए कई कदम उठाए कि ईरान का मिसाइल कार्यक्रम पर पाबंदी यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधों की समाप्ति के बाद भी जारी रहेगा।
अमेरिका ने बुधवार को ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रमों से कथित संबंधों को लेकर निजी व्यक्तियों और फर्मों के एक समूह पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की। इसके अलावा, मंगलवार को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में यूरोपीय परिषद ने कहा कि उसने ‘ईरान पर यूरोपीय संघ के अप्रसार शासन के तहत प्रतिबंधात्मक उपायों को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने का फैसला किया है।’ इसमें कहा गया है, “परिषद ने मूल्यांकन किया कि संक्रमण दिवस (18 अक्टूबर, 2023) पर इन प्रतिबंधों को हटाने से परहेज करने के वैध कारण हैं, जैसा कि मूल रूप से संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के तहत अनुमान लगाया गया था।”
उधर, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने यूरोपीय परिषद के फैसले को “एकतरफा, अवैध और राजनीतिक रूप से अनुचित” बताया। उल्लेखनीय है कि ईरान ने जुलाई 2015 में विश्व शक्तियों के साथ एक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे औपचारिक रूप से जेसीपीओए के रूप में जाना जाता है। इसमें ईरान पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के बदले में इसके परमाणु कार्यक्रम पर कुछ प्रतिबंध लगाने पर सहमति हुई। । अमेरिका हालाँकि मई 2018 में समझौते से खुद को अलग कर लिया और ईरान पर अपने एकतरफा प्रतिबंध फिर से लगा दिए।