बिहार की आर्द्रभूमि में इस वर्ष संकटग्रस्त और इस स्थिति के निकट पहुंच चुके पक्षियों सहित करीब 70,000 पक्षियों के आने की सूचना है जो पिछले साल की गणना की तुलना में 24,600 अधिक है।
जलीय पक्षियों की गणना से यह जानकारी मिली।बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) के सहयोग से बिहार सरकार ने इस साल 30 जनवरी से 12 फरवरी तक एशियाई जलीय पक्षी गणना (एडब्ल्यूसी) की थी।
लगभग 200 लोगों की कुल 16 टीम ने 26 जिलों में जा कर 76 आर्द्रभूमि में सर्वेक्षण किया। कुल 203 प्रजातियों के 69,935 पक्षियों की गिनती की गई।अधिक पक्षियों की सूचना इसलिए भी है क्योंकि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक आर्द्रभूमि को इसमें शामिल किया गया है।
रविवार को राज्य के पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव द्वारा जारी की गई गणना में कहा गया है: ”एडब्ल्यूसी 2022 के दौरान 68 आर्द्रभूमियों से 61 ‘बर्ड फैमिली’ से संबंधित 202 प्रजातियों के कुल 45,173 पक्षियों को दर्ज किया गया। 81 प्रजातियों में से 39,937 पक्षी जलीय पक्षी थे, 23 प्रजातियों के 569 पक्षी आर्द्रभूमि पर निर्भर पक्षी थे और 101 प्रजातियों के 5,630 पक्षी भूमि पर वास करने वाले पक्षी हैं।”