उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को बागपत के नांगल गांव स्थित श्रीगुरू गोरक्षनाथ आश्रम में श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के शुभारंभ के मौके पर आयोजिक कार्यक्रम में शामिल हुए।इससे पहले उन्होंने आश्रम में स्थित गुरु गोरखनाथ के मंदिर और नवदुर्गा मंदिर में दर्शन-पूजन किया। साथ ही परिसर में रुद्राक्ष का पौधा रोपा। उन्होंने भव्य सत्संग भवन का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बागपत की धरती का महत्व महाभारत कालीन है। श्रीकृष्ण ने जिन पांच ग्रामों को दुर्योधन से मांगा था, उसमें बागपत की धरती भी शामिल है। प्रदेश में विजयदशमी का पर्व संपन्न हुआ है। ये सत्य, धर्म और न्याय की विजय का पर्व है। भारत के पर्व-त्योहार उत्साह और उमंग की परंपरा हैं।
मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के शुभारंभ पर कहा कि ये महापुराण असल में ‘ज्ञान यज्ञ’ है। ये मोक्ष और मुक्ति से जुड़ा है। हम सब मुक्ति के लिए विभिन्न धाम और तीर्थों में जाकर कामना करते हैं। हम दान और यज्ञ भी मुक्ति की कामना से करते हैं। मुक्ति या मोक्ष का अर्थ है, जिस संकल्प के साथ हम बढ़े हैं, उसमें पारंगत हो जाएं।
मुख्यमंत्री ने आश्रम के महंत योगी अर्जुननाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने यहां देश के विभिन्न हिस्सों से संतों, योगेश्वरों और श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया है। कथा को लेकर लोगों में उत्साह सराहनीय है। एक योगी जंगल में भी मंगल कर सकता है। महंत योगी अर्जुननाथ ने यहां बड़े सभागार और सरोवर का निर्माण कराया है। अब इनके संरक्षण के लिए स्थानीय जनमानस को आगे आना होगा।