अमेरिका में भारतीय मूल के हजारों लोग ग्रीन कार्ड मिलने का दशकों से इंतजार कर रहे हैं, जिसके मद्देनजर एक भारतीय प्रवासी निकाय ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से रोजगार प्राधिकरण कार्ड जारी करने संबंधी नियमों में ढील दिए जाने का आग्रह किया है।
‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ (एफआईआईडीएस) ने कहा कि भारतीय मूल के करीब 11 लाख प्रवासी वीजा धारक प्राथमिकता तिथि मिलने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे आई-485 के लिए आवेदन करने सकें, जिसके बाद उन्हें ग्रीन कार्ड मिल सके। उसने कहा कि देशवार सात प्रतिशत की सीमा से उनकी वार्षिक मंजूरी बाधित हो रही है और करीब 135 साल की देरी हो रही है, यानी करीब चार लाख से अधिक लोग अपने जीवनकाल में कभी स्थायी निवासी नहीं बन पाएंगे।
एफआईआईडीएस ने कहा कि ग्रीन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया के शुरुआती चरणों के दौरान रोजगार प्राधिकरण कार्ड जारी करने से बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों, उनके जीवनसाथियों और बड़े हो रहे उनके बच्चों को कई अनिश्चितताओं और संकट से बचाने में मदद मिलेगी।
एफआईआईडीएस के नीति एवं रणनीति प्रमुख खंडेराव कांड ने अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) के निदेशक उर जाद्दौ को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह ”लंबे समय तक आव्रजन में देरी के मानवीय पहलुओं और इन व्यक्तियों द्वारा अमेरिकी समाज में लाई गई अपार संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए” इस मामले पर शीघ्र विचार करें।
उन्होंने कहा, ”इन बदलावों को लागू करने से न केवल इन परिवारों पर भारी दबाव कम होगा, बल्कि अमेरिका एक ऐसे राष्ट्र के रूप में मजबूत होगा जो प्रतिभा और विविधता को महत्व देता है और उसे प्रोत्साहित करता है।”