भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम चाहती है कि बीसीसीआई उन्हें अपनी छत्रछाया में लेकर सक्षम खिलाड़ियों की तरह माने ताकि वे भी आगे बढ सकें।
भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम के कोच मोहम्मद इब्राहिम ने सोमवार को कहा कि नेत्रहीन क्रिकेट को अगले स्तर तक ले जाने के लिये बीसीसीआई से मान्यता मिलना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मान्यता के साथ नेत्रहीन क्रिकेटरों को बोर्ड से केंद्रीय अनुबंध भी मिलने चाहिये।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के नेत्रहीन क्रिकेटरों को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से अनुबंध मिले हुए हैं और वे अच्छा खेल रहे हैं। पीसीबी ने उनका काफी सहयोग किया है। बीसीसीआई को भी आम क्रिकेटरों की तरह नेत्रहीन क्रिकेटरों को अनुबंध देने चाहिये।”
भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट संघ के महासचिव शैलेंदर यादव ने कहा कि नेत्रहीन क्रिकेटरों के लिये सराहना और सम्मान बढा है। उन्होंने कहा, ‘‘नेत्रहीन टीम के पूर्व कप्तान शेखर नाईक को पद्मश्री दिया गया और पूर्व कप्तान अजय रेड्डी को इस साल अर्जुन पुरस्कार मिला। उम्मीद है कि दूसरे देशों की तरह बीसीसीआई नेत्रहीन क्रिकेट को मान्यता देगा।”
उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों को भारत सरकार और प्रदेश सरकारों से वित्तीय सहायता मिल रही है। कुछ को हरियाणा, ओडिशा और केरल में सरकारी नौकरी भी मिली है। हम चाहते हैं कि कुछ और खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियां मिले।”