पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि जैसे-जैसे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं व्यवस्थित हो रही हैं, भारत अपने कच्चे माल, कम श्रम लागत, बढ़ती विनिर्माण जानकारी और उद्यमशीलता क्षमता के कारण एक वैकल्पिक आपूर्ति स्रोत के रूप में उभर रहा है।
उद्योग चैंबर पीएचडीसीसीआई की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए, पुरी ने कहा कि हाल के वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव के साथ, भारत पारंपरिक ईंधन अन्वेषण और ऊर्जा बदलाव दोनों को एक साथ आगे बढ़ा रहा है। मंत्री ने कहा कि भारत का लक्ष्य 2025 तक तेल एवं गैस अन्वेषण के तहत अपने शुद्ध भौगोलिक क्षेत्र को आठ प्रतिशत (2.5 लाख वर्ग किमी) से बढ़ाकर 15 प्रतिशत (पांच लाख वर्ग किमी) करना है।
उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोलियम उत्पादों का वैश्विक निर्यातक है और वैश्विक स्तर पर चौथी सबसे बड़ी रिफाइनिंग क्षमता रखता है। जैव ईंधन क्रांति में हासिल किए गए महत्वपूर्ण मील के पत्थर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इथेनॉल मिश्रण 2013-14 में 1.53 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 11 प्रतिशत हो गया है।
भारत की विनिर्माण आकांक्षाओं के बारे में पुरी ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में वर्तमान में देश की जीडीपी का 17 प्रतिशत और 2.73 करोड़ से अधिक कर्मचारी शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि जीएसटी, आईबीसी, परिसंपत्ति मौद्रीकरण, श्रम कानून सुधार, पीएलआई, नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के लिए गति शक्ति मिशन जैसे आर्थिक सुधारों और नीतियों ने कई संरचनात्मक कमियों को दूर किया है।