संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत में बना पहला चिप दिसंबर तक बाजार में आ जाएगा। उन्होंने पूरे परिवेश पर ध्यान केंद्रित करने के साथ कम समय में देश में एक बहुत मजबूत सेमीकंडक्टर उद्योग विकसित करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जनवरी 2022 में एक सेमीकंडक्टर नीति शुरू की थी। जब उन्होंने यहां उद्योग के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी तब वे सभी इस बात से हैरान थे कि इतने कम समय में ऐसा कैसे किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ”उन सभी ने नीति तथा इस तथ्य की सराहना की कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा एक व्यापक परिवेश बनाने पर जोर दिया है क्योंकि कई देशों के पास इस तरह की नीति नहीं है और इसलिए उन्हें ऐसी सफलता नहीं मिल सकी।”वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा एक ऐसा परिवेश विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया है जहां प्रतिभा पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘104 विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू (समझौता ज्ञापन) पहले से ही मौजूद हैं, उनके पाठ्यक्रम को संशोधित किया जा रहा है, एक अलग निवेश योजना के साथ डिजाइन पर अधिक ध्यान दिया गया है।”वैष्णव ने कहा, ‘‘कई डिजाइन कंपनियों को इससे फायदा मिला है और वे धीरे-धीरे मूल्य श्रृंखला में आगे आ रही हैं। इन सभी को दुनिया भर की कंपनियों से काफी सराहना मिल रही है।”
चिप विनिर्माता कंपनी मैक्रों का उदाहरण देते हुए वैष्णव ने कहा कि जिस तरह से मैक्रों की इकाई इतनी तेजी से आगे बढ़ी है, उससे सभी को आश्चर्य हुआ है।उन्होंने कहा, ‘‘समझौते पर जून 2023 में हस्ताक्षर किए गए थे, जबकि निर्माण सितंबर 2023 में शुरू हुआ। भारत विनिर्मित पहली चिप दिसंबर 2024 में आएगी।”उद्योग के विकास पर पहले ज्यादा ध्यान नहीं दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर, वैष्णव ने कहा कि मोदी के विचार दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर केंद्रित होते हैं,
चाहे वह रक्षा विनिर्माण हो, बुनियादी ढांचा निवेश हो…।उन्होंने कहा, ”वह हमेशा कम से कम 10 साल, 20 साल, 30 साल और 50 साल के दृष्टिकोण को लेकर सोचते हैं। उनका विचार है कि आज जो कुछ भी किया जा रहा है, उसका लाभ देश को कई वर्षों तक मिलना चाहिए।”