भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम मानव एंटीबॉडी (सिंथेटिक ह्यूमन एंटीबॉडी) विकसित की है जो अत्यधिक जहरीले सांपों के जहर को बेअसर कर सकती है।
यह कृत्रिम एंटीबॉडी प्राणीविज्ञान के सरीसृप समुदाय की एलैपिड फैमिली में आने वाले कोबरा, किंग कोबरा, करैत जैसे सांपों के जहर ‘न्यूरोटॉक्सिन’ को बेअसर कर सकती है। न्यूरोटॉक्सिन तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।आईआईएससी के स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट और सेंटर फॉर इकोलॉजिकल साइंसेज (सीईएस) के इवोल्यूशनरी वेनोमिक्स लैब (ईवीएल) की टीम ने जहर को बेअसर करने वाले एंटीबॉडी के संश्लेषण के लिए वही पहल अपनाई जिसे पहले एचआईवी और कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडी की जांच के लिए इस्तेमाल किया गया था।
ईवीएल, सीईएस में पीएचडी छात्र और ‘साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन’ में प्रकाशित अध्ययन के प्रथम सह-लेखक सेनजी लैग्ज्मे आरआर ने कहा, ‘यह पहली बार है कि सांप काटने के बाद फैले जहर के इलाज के लिए एंटीबॉडी विकसित करने के वास्ते इस विशेष रणनीति को अपनाया जा रहा है।”अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि यह कदम उस समाधान की दिशा में एक उपलब्धि है जिससे विभिन्न प्रकार के सांपों के जहर के खिलाफ व्यापक सुरक्षा मिल सकती है।