आजकल बच्चों को कम उम्र में ही पैरों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या होने लगती है। ऐसा गलत खान-पान और कम शारीरिक गतिविधि के कारण हो सकता है। दरअसल, आज के समय में बच्चों पर पढ़ाई के अलावा अन्य कक्षाओं का भी अतिरिक्त बोझ रहता है। ऐसे में वे अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए खुलकर समय नहीं बिता पाते हैं। जिसके कारण उन्हें कम उम्र में ही कई तरह की शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए बच्चों को उचित आहार देने के साथ-साथ सुबह-शाम व्यायाम कराना भी जरूरी है। इससे उनके संपूर्ण शरीर का विकास अच्छे से हो पाता है। साथ ही पैरों के दर्द और मांसपेशियों में भी आराम मिलता है। इसलिए आप अपने बच्चे की रोजाना रूटीन में कुछ खास एक्सरसाइज को शामिल कर सकते हैं, जिससे उन्हें लाभ मिल सकता है।
बच्चों के पैर में दर्द होने पर कराएं ये एक्सरसाइज
1. रनिंग- बच्चों के लिए सबसे आसान और अच्छी एक्सरसाइज रनिंग मानी जाती है। यह बेहद सरल एक्सरसाइज है, जो किसी भी उम्र में की जा सकती है। बच्चों को बचपन से ही दौड़ने या रनिंग की आदत डालने से उनका शारीरिक विकास बेहतर ढंग से होता है। अगर बच्चों को स्कूल या दूसरी एक्टिविटीज के बाद समय नहीं मिलता है, तो आप उनके साथ अपने गार्डन या पार्क में भी दौड़ सकते हैं। इससे पेरेंट्स बच्चों के साथ एक अच्छा बॉन्ड भी डेवलेप कर पाते हैं। इससे पैरों और मासंपेशियों के दर्द में भी आराम मिलता है।
2. पुल अप्स- बच्चों के लिए पुल अप्स भी एक अच्छी एक्सरसाइज है। इससे उनके पैरों के दर्द में राहत मिलती है और साथ ही हाथों में भी मजबूती आती है। दरअसल पुल अप्स करने के दौरान बच्चे पैरों में गतिविधियां भी बनाए रख सकते हैं। इससे उनके हाथ और पैर दोनों मजबूत होते हैं। इससे पैरों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने और लचीला बनाने में सहायता मिलती है।
3.बियर क्रॉल- बियर क्रॉल एक्सरसाइज बच्चों के लिए फुल बॉडी वर्कआउट माना जाता है। हाथों और पैरों को नीचे रखकर जानवर की तरह चलने को बियर क्रॉल एक्सरसाइज कहते हैं। इससे बच्चों के पैरों का दर्द ठीक हो सकता है। साथ ही इसमें बच्चों को खूब मजा भी आता है। हाथों और पैरों की स्ट्रेंथ बढ़ाने और शरीर को लचीला बनाए रखने के लिए ये एक्सरसाइज बहुत उपयोगी मानी जाती है। इसे बच्चे घर के गार्डन और खेल के मैदान में ग्रुप के साथ भी कर सकते हैं।
4. साइकिलिंग- साइकिलिंग करने से बच्चों के पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती है। साथ ही इससे बच्चे का संपूर्ण स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसे आप उन्हें सुबह या शाम के समय भी करने को कह सकते हैं। साइकिलिंग करना बच्चे के हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है।
5. स्विमिंग- स्विमिंग करने से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही इससे उनके पूरे शरीर में मूवमेंट बना रहता है। इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर ढंग से होता है। इससे उनके पैरों का दर्द ठीक हो सकता है और सांस संबंधी समस्याएं भी दूर हो सकती है।
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