फोन के साथ कंपनी की तरफ से ग्राहकों को कम्पैटिबल चार्जर दिया जाता है और इसी चार्जर की सहायता से हम लोग अपना फोन चार्ज करते हैं. बहुत से लोगों के मन में ये सवाल घूमता है कि क्या फोन को अधिक चार्ज करने से भी फोन फट भी सकता है?
फोन को चार्ज करने के लिए किसी भी मैकेनिकल चार्जर का उपयोग किया जा सकता है. मैकेनिकल चार्जर उन चार्जर को कहा जाता है जो हाथ से घूमाने पर मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कंवर्ट कर फोन को चार्ज करने लगता है.
लेकिन हम सभी जो फोन उपयोग करते हैं उसमें लिथियम-ऑयन बैटरी का उपयोग किया जाता है. लिथियम-ऑयन बैटरी ओवरचार्ज भी हो सकती है. ये बाइत तो साइंटिफिकली प्रूवन है कि लिथियम-ऑयन बैटरी ओवरचार्ज भी हो सकती है जिससे ओवरहीट होने, बैटरी फटने और आग लगने का खतरा है.
यही वजह है कि हैंडसेट निर्माता कंपनियां फोन की बैटरी को ओवरचार्जिंग से बचाने के लिए एक खास सिस्टम को इंस्टॉल करती हैं. इस सिस्टम का फायदा यह है कि जैसे ही आप लोगों के फोन की बैटरी 100 फीसदी चार्ज हो जाती है तो ये सिस्टम पावर कट कर देता है. फोन में दिया अगर ये सिस्टम काम न करे तो किसी भी चार्जर से फोन को चार्ज करना रिस्की हो सकता है, क्योंकि फोन फटने का चांस बढ़ जाता है.
इन गलतियों को करने से बचे
स्मार्टफोन को चार्ज पर लगाकर भूल जाते हैं तो इससे फोन पावर कट तो बेशक काट देगा, लेकिन फोन ओवरहीट हो सकता है. फोन ओवरहीट करने लगे तो मोबाइल कवर को निकल दें.
फोन के साथ आया ऑरिजनल चार्जर अगर खराब हो गया है तो लोकल चार्जर का उपयोग करने की गलती न करें.
फोन अगर 18 वॉट चार्जिंग सपोर्ट करता है तो 18 वॉट से भी तेज फास्ट चार्जिंग करने वाले चार्जर से फोन को चार्ज करने की गलती न करें.
फोन को चार्ज पर लगाने के बाद फोन को उपयोग करने की गलती न करें.
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