हमारी दिल की धड़कन में हमारी जान बसी होती है, जब तक ये धड़कनें चलती है तब तक हमारी सांसें भी चलती है इसके रुकने पर मौत हो जाती है। दिल धड़कता रहे तो हमारे लिए बहुत अच्छा है लेकिन अगर इसकी धड़कनें कम हो जाए या फिर अचानक से बढ़ जाए तो ये हमारे लिए खतरनाक भी साबित हो सकती है। वैसे तो कई बार शारीरिक परेशानियों के कारण दिल की धड़कनों में बदलाव होता रहता है। दिल की धड़कन लगातार बढ़ने या फिर लगातार कम होने के कारण दिल के साथ ही ये शरीर के बाकि अंगों को भी नुकसान पहुंचाने का काम करता है। जैसे फेफड़े, लिवर, किडनी और दिमाग पर इसका सीधा असर पड़ता है।
इनएप्रोप्रीऐट साइनस टेककार्डिया- इनएप्रोप्रीऐट साइनस टेककार्डिया (Inappropriate Sinus Tachycardia) एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें दिल की धड़कनें अचानक से बढ़ने लगती है यानी इस स्थिति में आपका दिल एक मिनट में करीब 100 बार धड़कता है, ऐसा कई बार कुछ आम कारणों से भी हो सकता है जैसे: एक्सरसाइज और तनाव। इसके अलावा चिकित्सीय कारणों से टेककार्डियो की समस्या पैदा हो सकती है जैसे: थायराइड, हाइपरथाइराडडिज्म।
इनएप्रोप्रीऐट साइनस टेककार्डिया के कारण- इनएप्रोप्रीऐट साइनस टेककार्डिया का मुख्य कारण अभी तक सामने नहीं आ पाया है कि कैसे अचानक से दिल की धड़कनें बिना किसी कारण के बढ़ जाती है। यदि किसी भी शख्स को इनएप्रोप्रीऐट साइनस टेककार्डिया के लक्षणों नजर आते हैं तो 24 घंटे तक के बाद आइएसटी(IST) की पहचान की जा सकती है। अक्सर जब किसी की दिल की धड़कनें तेज हो जाती है तो वो लेट सकते हैं इससे उनकी हार्ट बीट धीमी हो जाती है। आइएसटी के मरीज को कई बार सोने के दौरान अपनी कम हार्ट बीट महसूस होती है।
लक्षण- साइनस टेककार्डिया एप्रोप्रीऐट साइनस टेककार्डिया और इनएप्रोप्रीऐट साइनस टेककार्डिया (आइएसटी) दो तरह के होते हैं। आइएसटी(IST) अक्सर युवा महिलाओं में पायी जाने वाली एक समस्या है।
- सांस लेने में परेशानी होना।
- एक्सरसाइज न करने की क्षमता।
- लगातार तेज धड़कनें महसूस होना।
- खड़े होने पर ब्लड प्रेशर कम होना।
- धुंधला दिखाई देना।
- बार-बार पसीने आना।
बचाव- जिन लोगों को दिल की धड़कनें अचानक तेज होने की समस्या रहती है उन्हें किसी भी भारी काम या फिर मेहनत वाले काम को करने से बचना चाहिए। इससे वे जल्दी थकेंगे और फिर उनकी हार्ट बीट में और तेजी आ सकती है। इसके साथ ही आपको किसी भी तरह के ज्यादा तनाव वाली चीजों से बचना चाहिए। जिससे की आपको घबराहट न हो और तनाव न लेने से आपकी हार्ट बीट भी सामान्य रह सकती है। अगर आपको किसी भी तरीके से हार्ट बीट को सामान्य करने में मदद नहीं मिल रही तो आप इसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आप इसे नजरअंदाज करते हैं तो आपको हार्ट अटैक का खतरा भी हो सकता है। जिससे आपकी जान भी जा सकती है।
- जीवनशैली में करें बदलाव
- अपनी डाइट को हेल्दी बनाएं।
- हल्की एक्सरसाइज करने की कोशिश करें।
- रोजाना पैदल चलने की आदत डालें।
- वजन को न तो ज्यादा बढ़ने दें न ही कम होने दें।
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