अगर AC की कंपनी गारंटी और वारंटी के बावजूद AC सही करने के लिए पैसे मांग रही है तो आप इसकी कम्प्लेन कर सकते हैं. जिसमें आपको AC कंपनी के खिलाफ कंप्लेंट कंज्यूमर कोर्ट में करनी होगी.
गर्मी के मौसम में AC ही है जो लोगों को राहत देता है, जिन लोगों के पास AC नहीं है और वो लोग नया AC खरीदने का सोच रहे हैं. वहीं जिनके पास पहले से AC है तो उन्होंने अपने AC की सर्विस और गैस रिफिल कराना शुरू कर दिया है. अगर आप भी एसी उपयोग करते हैं तो यहां हम आपको कुछ काम की बात बताने जा रहे हैं. दरअसल नया एयर कंडीशनर खरीदने पर कंपनी की ओर से गारंटी और वारंटी दी जाती है. जिसमें अलग-अलग पार्ट की अलग-अलग गारंटी होती है. साथ ही कुछ कंपनी एक सीमित समय तक गैस लीक होने पर फ्री में गैस भरने की भी गारंटी देती है. अगर आपका एसी इसी तरीके की गारंटी में है और फिर भी कंपनी आपसे पैसे ले रही है तो आप इसकी कम्प्लेन कर सकते हैं.
जानिए,कहां कर सकते हैं शिकायत और क्या होगा फायदा?
अगर AC की कंपनी गारंटी और वारंटी के बाद भी AC सही करने के पैसे ले रही है तो आप इसकी कम्प्लेन कर सकते हैं. जिसमें आपको AC कंपनी के खिलाफ कंप्लेंट कंज्यूमर कोर्ट में करनी होगी. जहां सुनवाई के बाद अगर फैसला आपके पक्ष में आता है तो कंपनी पर जुर्माना तो लगाया ही जाएगा. साथ में आपको AC सही करने की फीस भी वापस करनी होगी.
जानिए, किस आधार पर होगी शिकायत?
अगर आप नया AC खरीद रहे हैं तो आपको लिखित में एसी की गारंटी और वारंटी की डिटेल लेनी होगी. जिनके आधार पर आप एसी कंपनी और सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में कम्प्लेन कर सकते हैं. अगर आपके पास सही कागज नहीं होंगे तो कंज्यूमर कोर्ट में फैसला आपके पक्ष में नहीं आएगा.
AC कंपनी पर लगाया जुर्माना
भोपाल में कंज्यूमर कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए AC कंपनी को AC कीमत 31,212 रुपए वापस करने, सर्विस प्रोवाइडर को एसी में सुधार करने की फीस 5,500 रुपए और मानसिक कष्ट देने के लिए 8 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. दरअसल भोपाल के एक व्यक्ति ने 2020 में एसी खरीदा था, जिसकी कीमत 31212 रुपए थी. इस AC पर 10 साल की कंप्रेसर वारंटी, 5 साल की पीसीबी वारंटी और 5 साल की कंडेनसर के साथ फ्री गैस भरने की गारंटी थी. लेकिन AC खराब होने पर कंपनी के सर्विस प्रोवाइडर ने यूजर्स से AC सही करने के 5500 रुपए लिए और फिर दोबारा एसी खराब होने पर और पैसों की मांग की गई. जिसके बाद एसी यूजर ने कंज्यूमर कोर्ट का रुख किया. जिसमें कंज्यूमर कोर्ट ने ग्राहक के पक्ष में फैसला सुनाया.
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