दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए ईडी का समन मिल चूका है. ईडी इस केस की मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच कर रही है. ईडी ने केजरीवाल को 2 नवंबर को पेश होने को कहा है.
आप नेता जिस तरह मंगलवार मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी की आशंका जता रहे हैं, उसके पीछे पूछताछ के दौरान गिरफ्तारी का इतिहास रहा है। शराब घोटाले व मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप के तीन नेता गिरफ्तार होने के बाद जेल में हैं। दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। यही वजह है कि पार्टी मुख्यमंत्री के गिरफ्तार होने की आशंका जाहिर कर रही है।
बीजेपी के कई नेता दावे कर रहे हैं कि शराब नीति केस में सिसोदिया और संजय सिंह के बाद अब केजरीवाल की बारी है. ऐसे में सवाल ये है कि अगर पूछताछ के बाद ईडी केजरीवाल को गिरफ्तार कर लेती है, तो आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार का प्लान बी क्या होगा?
यानि अगर गिरफ्तार हुए केजरीवाल तो कौन लेगा जगह?
इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं कि इससे दिल्ली की आप सरकार पर कोई खतरा होगा। सरकार दिल्ली में आप की ही रहेगी। यहां सवाल सिर्फ मुख्यमंत्री की गद्दी का है।
दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने इसका जवाब देते हुए एक चैनल से कहा, “फिलहाल, मुझे नहीं पता. मुझे नहीं लगता कि इसके बारे में कोई चर्चा हुई है. केजरीवाल हमारे नेता हैं और हम उनके अधीन काम करेंगे.”