दक्षिण भारतीय भोजन यानी इडली, डोसा, सांभर, उत्तम आदि के शौकीन आपको देश के लगभग हर हिस्से में मिल जाएंगे। ये सभी खाद्य पदार्थ जितने स्वादिष्ट हैं उतने ही स्वास्थ्यवर्धक भी हैं। इसका कारण इन्हें बनाने का तरीका और इन्हें बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री है। इडली एक ऐसा दक्षिण भारतीय भोजन है जो उड़द दाल और चावल से बनाया जाता है। साथ ही इसे बनाने में भाप का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए यह स्वादिष्ट और आसानी से पचने योग्य होता है. इडली में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के कारण इसे खाने से हमारी सेहत को कई फायदे मिलते हैं।
विटामिन्स और प्रोटीन- इडली में ढेर सारे प्रोटीन्स, विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं इसलिए इसे खाने से आपके शरीर को पोषण मिलता है। इडली को उड़द की दाल और चावल से बनाया जाता है। उड़द की दाल में उच्च मात्रा में फाइबर होता है। इसके अलावा इसमें 26% प्रोटीन, विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी6 और ढेर सारे मिनरल्स होते हैं। एक मीडियम साइज इडली में लगभग 2 ग्राम प्रोटीन होता है जबकि सामान्य व्यक्ति को लगभग 50 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
लो कैलोरी होती है इडली- इडली को बनाने में भाप का प्रयोग होता है इसलिए इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। एक मीडियम साइज की इडली में लगभग 39 कैलोरीज होती हैं। इसके अलावा इडली में न तो कोलेस्ट्रॉल होता है और न ही सैचुरेटेड फैट इसलिए इसे खाना सेहतमंद होता है। रोजाना 16 ग्राम से कम सैचुरेटेड फैट और 300 मिलीग्राम से कम कोलेस्ट्रॉल के सेवन से दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है।
ब्लड प्रेशर रहता है कंट्रोल- शरीर के ब्लड प्रेशर के लिहाज से भी इडली खाना आपके लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसमें सोडियम की मात्रा भी बहुत कम होती है। एक मीडियम साइज इडली में लगभग 65 मिलीग्राम सोडियम होता है जबकि 2300 मिलीग्राम सोडियम प्रतिदिन से कम का सेवन सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। इसके अलावा इसमें कोलेस्ट्रॉल कम होने से भी इससे ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं आती है।
फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स- इडली को बनाने में उड़द की दाल का प्रयोग होता है और इसमें ढेर सारा फाइबर और कार्बोहाइड्रेट होता है। सुबह के नाश्ते में इडली खाना स्वास्थ के लिहाज से बहुत फायदेमंद होता है। एक मीडियम साइज इडली में 2 ग्राम डाइट्री फाइबर और 8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। इसके अलावा इडली में मौजूद प्रोटीन्स से मसल्स रिपेयर होती हैं और कार्बोहाइड्रेट से एनर्जी मिलती है। फाइबर से हमारा पाचन ठीक रहता है।
बनाने की विधि से बढ़ जाता है पोषण
इडली को भाप से पकाकर बनाते हैं इसलिए इसके गुण कई गुना बढ़ जाते हैं। चावल को जब पानी के बजाय भाप से पकाया जाता है तो पके चावल की अपेक्षा इसमें बहुत कम फैट होता है, जो कि शरीर के लिए जरूरी भी है। इसके अलावा उड़द की दाल तो होती ही सेहतमंद है। इडली के साथ अगर आप दालों और सब्जियों से बना सांभर और नारियल की चटनी भी खाते हैं तो इससे स्वस्थ लाभ और भी बढ़ जाते हैं।
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