इजराइली सुरक्षा बलों ने गाजा पट्टी में छिड़े युद्ध के दौरान अपने ही देश के तीन लोगों को मार डाला। इनको हमास ने बंधक बना लिया था। इनकी मौत शुजाया में लड़ाई के दौरान हुई। इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने मारे गए बंधकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घटना की पारदर्शी जांच कराने की घोषणा की है।इजराइल के प्रमुख अखबार द टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, आईडीएफ ने मारे गए तीनों बंधकों की पहचान का खुलासा करते हुए एक्स हैंडल पर उनके फोटो जारी किए हैं।
आईडीएफ से यह भूल युद्ध के 70वें दिन शुक्रवार को हुई। इजराइली सेना के मुख्य प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि तीनों बंधक हमास के चंगुल से भाग निकले थे या उन्हें छोड़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं की जांच कराई जाएगी। गलत पहचान के चलते की गई गोलीबारी में इन तीनों की मौत हुई है। आईडीएफ ने एक्स हैंडल पर कहा है कि इस घटना से सबक लेकर युद्ध क्षेत्र के सभी सैनिकों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं।
आईडीएफ ने तीन बंधकों को मार देने की बात स्वीकार करते हुए उनकी पहचान 28 वर्षीय योतम हैम, 25 वर्षीय समर तलाल्का और 26 वर्षीय अलोन लुलु शमरिज के तौर पर की है। हमास ने सात अक्टूबर को इन तीनों युवकों का अपहरण किया था। उल्लेखनीय है कि फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल पर भीषण हमला किया था।
हमले के दौरान हमास के आतंकवादियों ने 250 लोगों को बंदी बना लिया था और करीब 1,200 लोगों को मार डाला था। इसके बाद इजराइल ने गाजा में बमबारी शुरू कर दी। इजराइल के हमलों में अब तक 18,700 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। द टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार आईडीएफ प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा है कि शुक्रवार सुबह हुई दुखद घटना की आईडीएफ पूरी जिम्मेदारी लेता है।