दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने जनवरी के महीने में अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा का ऑफर दिया था लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया. सीएम ने साफ किया कि .”ये बिल्कुल गलत है कि अभिषेक मनु सिंघवी के लिए मैंने किसी को इस्तीफे के लिए कहा. ये सारी बीजेपी की मनगढ़ंत खबर हैहैं. इसके उलट है. जनवरी के महीने में मैंने उन्हें ऑफर किया था, उन्होंने ही ठुकरा दिया था.”
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने जनवरी महीने में अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा सीट की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया. सीएम ने साफ किया कि राज्यसभा में भेजने के लिए किसी से इस्तीफा नहीं मांगा गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि यह बीजेपी की ओर से मनगढ़ंत खबर है. सीएम केजरीवाल ने कहा, “ये बिल्कुल गलत है कि अभिषेक मनु सिंघवी के लिए मैंने किसी को इस्तीफे के लिए कहा. ये सारी बीजेपी की प्लांडेट स्टोरीज हैं. इसके उलट है. जनवरी के महीने में मैंने उन्हें ऑफर किया था, उन्होंने ही ठुकरा दिया था.”
CM केजरीवाल के बयान पर अभिषेक मनु सिंघवी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, “पहले ये नहीं बताया लेकिन सीएम ने मुझसे इस पर बात की थी. मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि सिर्फ एक नहीं बल्कि दो सीएम की तरफ की तरफ से मुझे शुभकामनाएं मिलीं. दोनों ही प्रस्तावों को मैंने सम्मानपूर्वक अस्वीकर कर दिया क्योंकि मैं कांग्रेस में ही रहना चाहता था. राज्यसभा प्राथमिकता नहीं है. तीन दलों से प्रस्ताव मिलना वास्तव में सराहनीय है.”
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को दिल्ली के सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी. उन्हें 2 जून को सरेंडर करना होगा. दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिला आम आदमी पार्टी के लिए किसी सौगात से कम नहीं थी. इसके पीछे अभिषेक मनु सिंघवी ने भी अपनी भूमिका निभाई. सुप्रीम कोर्ट में सीएम केजरीवाल का पक्ष सिंघवी ही रख रहे थे. जब सीएम केजरीवाल अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आए तब सिंघवी ने उनसे मुलाकात भी की थी.
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