रिपोर्ट के अनुसार भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए कंपनियों की ओर से लगातार नई इलेक्ट्रिक कारें पेश और लॉन्च की जा रही हैं। इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार लगातार बढ़ रहा है। टाटा से लेकर मर्सिडीज जैसी कंपनियां इस सेगमेंट में अपनी गाड़ियां पेश करती हैं। लेकिन जल्द ही दो बड़ी कंपनियां मेड इन इंडिया बैटरी वाली कम कीमत वाली इलेक्ट्रिक कारें और एसयूवी भी लॉन्च करेंगी। इस खबर में हम आपको बता रहे हैं कि किन कंपनियों ने मेड इन इंडिया बैटरी के लिए किस भारतीय कंपनी के साथ साझेदारी की है।इसके तहत भारतीय बाजारों में इलेक्ट्रिक वाहन विस्तार के लिए लिथियम-आयरन-फॉस्फेट (एलएफपी) सेल का स्थानीय स्तर पर निर्माण किया जाएगा।इस समझौते पर आज (8 अप्रैल) दक्षिण कोरिया में हुंडई मोटर ग्रुप के नामयांग रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर में हस्ताक्षर किए गए।
भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए कंपनियों की ओर से लगातार नई इलेक्ट्रिक कारें पेश और लॉन्च की जा रही हैं। इसी क्रम में हुंडई और किआ ने एक्साइड बैटरी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके बाद ये कंपनियां नई इलेक्ट्रिक कारों में मेड इन इंडिया बैटरी का इस्तेमाल करेंगी।
भारतीय बाजार के लिए अपनी ईवी योजनाओं के विस्तार के साथ ही हुंडई मोटर और किआ मोटर्स का लक्ष्य अपने ईवी बैटरी उत्पादन को स्थानीय बनाना है। खासतौर से लिथियम-आयरन-फॉस्फेट (एलएफपी) पर कंपनियां फोकस रखना चाहती हैं। यह रणनीतिक कदम उन्हें भारतीय बाजार में अपनी आने वाली इलेक्ट्रिक वाहन के कई मॉडल्स में घरेलू स्तर पर बनीं बैटरी लगाने के साथ कई तरह के फायदे देगा।
हुंडई मोटर और किआ के आर एंड डी डिवीजन के अध्यक्ष और प्रमुख ही वोन यांग ने कहा, “सरकार के कार्बन तटस्थता लक्ष्यों के कारण भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक प्रमुख बाजार है, जो स्थानीयकृत बैटरी उत्पादन के माध्यम से लागत प्रतिस्पर्धात्मकता हासिल करना महत्वपूर्ण बनाता है।”एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड के साथ इस वैश्विक साझेदारी के माध्यम से, हम हुंडई मोटर और किआ के भविष्य के ईवी मॉडलों को स्थानीय रूप से उत्पादित बैटरी से लैस करके भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल करेंगे।”
रिपोर्ट के अनुसार दोनों कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक कारें लाने पर तेजी से काम कर रही हैं। वर्तमान में, Kona, Ioniq5 और EV6 को दोनों कंपनियां लक्जरी इलेक्ट्रिक कारों के रूप में पेश करती हैं। लेकिन दोनों कंपनियां आने वाले एक से दो साल में भारतीय बाजार में कम कीमत वाली इलेक्ट्रिक कारें पेश करने की तैयारी कर रही हैं। ऐसे में अगर बैटरी को भी भारत में ही बनाया जाता है तो इससे कीमत कम रखने में मदद मिल सकती है। जानकारी के मुताबिक हुंडई की ओर से क्रेटा और किआ की ओर से सेल्टॉस, कैरेंस के इलेक्ट्रिक वेरिएंट्स को अगले साल तक भारत में पेश किया जा सकता है।
यह भी पढ़े:
पुलिस चौकी के सामने से बाइक निकालते समय रील बनाना पड़ा महंगा, युवक गिरफ्तार