हैदराबाद पुलिस ने कम कीमत पर महिंद्रा वाहन बेचने की आड़ में एक व्यक्ति को धोखा देने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की एक टीम ने उन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने खुद को महिंद्रा सीआईई ऑटोमोटिव लिमिटेड का महाप्रबंधक बताकर पीड़ित से 3.54 लाख रुपये से अधिक की ठगी की।
उन पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 सी, डी और भारतीय दंड संहिता की धारा 419 तथा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया था।आरोपियों की पहचान आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी निवासी ताड़ी नवीन कुमार, कंचर्ला मधु और श्रीनिवास दुर्गा प्रसाद के रूप में हुई है। पुलिस ने कहा कि आरोपी व्यक्ति के कब्जे से आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है।
शिकायत मिलने के बाद जांच के दौरान ये गिरफ्तारियां की गईं। वी. डैनी रत्नम ने पुलिस को बताया कि उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को जीएस चंद्रशेखर बताया और खुद को महिंद्रा सीआईई ऑटोमोटिव लिमिटेड में महाप्रबंधक (एचआर और प्रशासन) होने का दावा किया।चंद्रशेखर ने कहा कि वह शिकायतकर्ता की सुरक्षा सर्विस का पूर्व क्लाइंट था और उसने उसे आंध्र प्रदेश में चित्तूर जिले के पालमनेर में औद्योगिक पार्क इकाई स्थित एक नई फैक्ट्री में सुरक्षा सेवाओं की आवश्यकता के बारे में बताया।
इस बातचीत के बाद शिकायतकर्ता ने एक कोटेशन जमा किया और उसके बाद के पत्राचार से शिकायतकर्ता की कंपनी की सेवाएं 25 जनवरी 2024 से शुरू होने की पुष्टि हुई। चर्चा के दौरान, चंद्रशेखर ने शिकायतकर्ता को कंपनी की वार्षिक नीलामी के माध्यम से रियायती कीमतों पर बिल्कुल नए आरएंडडी और डेमो वाहन खरीदने का अवसर भी बताया।
भरोसा करते हुए शिकायतकर्ता ने 23 से 25 नवंबर के बीच चंद्रशेखर द्वारा दिए गए खाता नंबरों पर 3 लाख 54 हजार 236 रुपये ट्रांसफर करके दो महिंद्रा बोलेरो एसएलएक्स वाहन बुक किए।शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया गया कि 27 नवंबर को शाम 5 बजे तक वाहन उसके परिसर में पहुंचा दिए जाएंगे। जब वाहनों की डिलीवरी नहीं हुई तो शिकायतकर्ता ने चंद्रशेखर से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उसका मोबाइल नंबर बंद मिला।
शिकायतकर्ता द्वारा बाद में की गई पूछताछ से पता चला कि प्रदान किया गया बैंक खाता एक व्यक्ति के नाम पर था और शिकायतकर्ता को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है।पुलिस ने आम जनता को सलाह दी है कि वे कम कीमत पर वाहनों या मोबाइल फोन के अविश्वसनीय प्रस्तावों पर विश्वास न करें और सोशल मीडिया ऐप्लिकेशन के माध्यम से प्रसारित होने वाले अनचाहे संदेशों को संदेह की नजर से देखें।