हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है, जो बच्चों को माता-पिता से विरासत में मिलती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त का थक्का नहीं बनता है और वह जम नहीं पाता है। ऐसे में जब कोई घायल हो जाता है तो अत्यधिक रक्तस्राव होता है और थक्का न जमने के कारण खून लगातार बहता रहता है। हमारे रक्त में थक्का जमाने वाले प्रोटीन होते हैं। ये प्रोटीन रक्त में थक्के बनाने में मदद करते हैं, जिससे रक्तस्राव रोकने में मदद मिलती है। इससे बच्चों को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे उनके जोड़ों या मांसपेशियों में रक्तस्राव हो सकता है। इसके अलावा जोड़ों में सूजन, हड्डियों और मांसपेशियों में ट्यूमर जैसी स्थिति, लंबे समय तक जोड़ों में परेशानी, थक्के जमने वाले कारकों के खिलाफ एंटीबॉडी का विकास, संक्रमण आदि जैसी समस्याएं भी देखी जा सकती हैं।
ऐसे में डॉक्टर द्वारा सही उपचार के साथ, पेरेंट्स को बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। लेकिन पेरेंट्स बच्चे को हीमोफीलिया होने पर उसकी देखभाल कैसे कर सकते हैं, इसको लेकर काफी परेशान रहते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने एससीपीएम हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शेख जफर से बात की। इस लेख में हम आपके साथ डॉक्टर की 8 टिप्स शेयर कर रहे हैं।
हीमोफीलिया से ग्रसित बच्चे की देखभाल कैसे करें-
डॉक्टर सुझाव देते हैं कि अगर बच्चे को हीमोफिलिया है, तो ऐसे में जितना संभव हो सके पेरेंट्स को यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को चोट लगने या ऐसी स्थितियों से बचाएं, जिससे ब्लीडिंग हो सकती है। इसके अलावा आपको कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखने की जरूरत होती है..
- बच्चे को समय-समय पर डॉक्टर के पास लेकर जाएं और नियमित चेकअप कराएं।
- डॉक्टर द्वारा दी गई सभी दवाएं बच्चे को समय पर दें, डॉक्टर के दिशानिर्देशों का पालन करें।
- देखभाल टीम के साथ से परामर्श करें, उनसे सीखें अगर बच्चे को चोट लग जाए, तो उस दौरान कैसे बच्चे की केयर करें।
- उन्हें कौन से खेल खेलने या गतिविधियों से दूर रखना चाहिए, डॉक्टर से पूछें।
- डेंटिस्ट से परामर्श करें और जानें कि बच्चे को दांतों को ब्रश किस तरह करना चाहिए, जिससे कि ब्लीडिंग न हो।
- किसी भी तरह की सर्जरी से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
इन बातों का भी ध्यान रखें
डॉक्टर सुझाव देते हैं, कि बच्चे के दोस्तों, स्कूल स्टाफ आदि को इसकी जानकारी दें कि बच्चे को हीमोफिलिया है। उन्हें यह बताएं कि आपातकालीन स्थितियों में उन्हें बच्चे की देखभाल कैसे करनी है। उनके कुछ अन्य चीजें भी सिखाएं…
- ब्लडिंग के संकेत किस तरह पहचानें
- अगर छोटी-मोटी चोट लग गई है या स्किन पर कट लग गया है, तो उन्हें बताएं कि ब्लीडिंग कैसे रोकें
- डॉक्टर से पास कब जाना चाहिए या उन्हें कब बुलाना चाहिए
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