हिमाचल प्रदेश में करोड़ों रुपये के क्रिप्टोकरेंसी घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले के संबंध में चार पुलिसकर्मियों और एक वन सुरक्षाकर्मी सहित आठ और लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडु ने बताया कि शनिवार को गिरफ्तार किए गए
ये आठ लोग उन 70 से 80 ठगों में शामिल हैं, जिन्होंने लगभग एक लाख निवेशकों से दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है।डीजीपी ने कहा कि अब तक कुछ मुख्य आरोपियों – मंडी से हेमराज और सुखदेव तथा ऊना से अरुण गुलेरिया एवं अभिषेक सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब हम इस घोटाले की दूसरे दृष्टिकोण से जांच कर रहे हैं, जिसमें कुछ लोगों ने नये लोगों द्वारा योजना में किए गए निवेश से करोड़ों रुपये कमाए।’’डीजीपी ने कहा कि हिमाचल पुलिस इस मामले की जांच के लिए केंद्रीय और वित्तीय एजेंसियों तथा अन्य राज्यों की पुलिस के साथ भी समन्वय कर रही है।
उन्होंने बताया कि शनिवार को गिरफ्तार किए गए आठ लोगों में से तीन आरोपी हमीरपुर से, दो सोलन के बद्दी से जबकि एक-एक आरोपी शिमला, ऊना और कांगड़ा से हैं।पुलिस ने कहा कि उनके खिलाफ अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध (बीयूडीएस) अधिनियम, 2019 के तहत कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, इस घोटाले का सरगना मंडी के सरकाघाट का रहने वाला सुभाष शर्मा अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। राज्य में 2018 में शुरू हुए करोड़ों रुपये के क्रिप्टोकरेंसी पोंजी घोटाले के संबंध में 300 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं।