बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री हेमा मालिनी आज 75 वर्ष की हो गयी। 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु के आमानकुंडी में जन्मीं हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती फिल्म निर्माता थीं। हेमा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई से पूरी की। वर्ष 1961 में हेमा मालिनी को एक लघु नाटक पांडव वनवासम में बतौर नर्तकी काम करने का अवसर मिला। वर्ष 1968 में हेमा मालिनी को
सर्वप्रथम राजकपूर के साथ सपनों का सौदागर में काम करने का मौका मिला। फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा मालिनी को ड्रीम गर्ल के रूप में प्रचारित किया गया। बदकिस्मती से फिल्म टिकट खिडकी पर असफल साबित हुई लेकिन अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने पसंद किया गया।
हेमा मालिनी को पहली सफलता वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म जॉनी मेरा नाम से हासिल हुयी। इसमें उनके साथ अभिनेता देवानंद मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में हेमा और देवानंद की जोड़ी को दर्शकों ने सिर आंखों पर लिया और फिल्म सुपरहिट रही। इसके बाद रमेश सिप्पी की वर्ष 1971 में प्रदर्शित फिल्म अंदाज में भी हेमा मालिनी ने अपने अभिनय से दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वर्ष 1972 में हेमा मालिनी को रमेश सिप्पी की ही फिल्म सीता और गीता में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने कैरियर के लिये मील का पत्थर साबित हुयी। इस फिल्म की सफलता के बाद वह शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचीं। उन्हें इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनमें स्टार अपील नहीं है। बाद में सत्तर के दशक में इसी निर्माता.निर्देशक ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उन्हें लेकर 1973 में ..गहरी चाल.. फिल्म का निर्माण किया। सिल्वर स्क्रीन पर हेमा मालिनी की जोडी धर्मेन्द्र के साथ खूब जमी। यह फिल्मी जोंडी सबसे पहले फिल्म शराफत से चर्चा में आई।
वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म शोले में धर्मेन्द्र ने वीरू और हेमामालिनी ने बसंती की भूमिका में दर्शकों का भरपूर मनोंरजन किया। हेमा और धमेन्द्र की यह जोड़ी इतनी अधिक पसंद की गई कि धर्मेन्द्र की रील लाइफ की ड्रीम गर्ल, हेमामालिनी उनके रीयल लाइफ की ड्रीम गर्ल बन गईं। बाद में इस जोड़ी ने ड्रीम गर्ल, चरस, आसपास, प्रतिज्ञा, राजा जानी, रजिया सुल्तान, अली बाबा चालीस चोर, बगावत, आतंक, द बर्निंग ट्रेन, दोस्त आदि फिल्मों में एक साथ काम किया।
सत्तर के दशक में हेमा मालिनी पर आरोप लगने लगे कि वह केवल ग्लैमर वाले किरदार ही निभा सकती हैं लेकिन उन्होंने खुशबू, किनारा, और मीरा जैसी फिल्मों में संजीदा किरदार निभाकर अपने आलोचकों का मुंह हमेशा के लिये बंद कर दिया। इस दौरान हेमा मालिनी के सौंदर्य और अभिनयका जलवा छाया हुआ था। इसी को देखते हुये निर्माता प्रमोद चक्रवर्ती ने उन्हें लेकर फिल्म ड्रीम गर्ल का निर्माण तक कर दिया।
वर्ष 1990 में हेमा मालिनी ने छोटे पर्दे की ओर भी रूख किया और धारावाहिक नुपूर का निर्देशन भी किया। इसके बाद वर्ष 1992 में फिल्म अभिनेता शाहरूख खान को लेकर उन्होंने फिल्म दिल आशना है का निर्माण और निर्देशन किया। वर्ष 1995 में उन्होंने छोटे पर्दे के लिये मोहिनी का निर्माण और निर्देशन किया। फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद हेमा मालिनी ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया। वर्ष 2000 में हेमा मालिनी पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित की गयीं। हेमा मालिनी ने अपने चार दशक के सिने कैरयिर में लगभग 150 फिल्मों में काम किया। हेमा मालिनी मथुरा संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंची है।