करोड़ों रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है।मलिक को यहां की एक अदालत ने 10 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। मलिक यहां एक अदालत में सुनवाई के दौरान बेहोश हो गए थे और शुक्रवार को उन्हें तत्काल चिकित्सीय देखभाल के लिए शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल में मलिक के स्वास्थ्य पर नजर रख रहे दल में शामिल एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ”मंत्री को रात में अच्छी नींद आई। उन्होंने किसी तरह की बैचेनी की कोई शिकायत नहीं की।”अस्पताल ने शुक्रवार रात को एक बुलेटिन में कहा, ”मलिक को रक्त में उच्च शर्करा, गुर्दे की समस्या, डिसेलेक्ट्रोलिटिमिया और बेहोशी तथा उच्च रक्तचाप की शुरुआती शिकायत के साथ भर्ती कराया गया है।”
चिकित्सकों ने बताया कि मलिक का सीटी स्कैन, एमआरआई और खून की जांच की गई।कलकत्ता के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तनुमय कर्माकर ने मंत्री की हिरासत देने के लिए ईडी की याचिका शुक्रवार को मंजूर कर ली और उन्हें पांच नवंबर तक 10 दिन की केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कहा कि उसे कथित राशन घोटाले के संबंध में मलिक से पूछताछ करने के लिए हिरासत में लेने की आवश्यकता है। जांच एजेंसी ने दावा किया कि उन्हें मामले में करीब एक पखवाड़े पहले गिरफ्तार किए गए बकीबुर रहमान से मलिक के संबंध मिले हैं।
चूंकि, मंत्री अदालत कक्ष में बेहोश हो गए थे तो अदालत ने उन्हें अपनी पसंद के एक निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दे दी, जिसके बाद उन्हें जरूरत पड़ने पर कमांड हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा सकता है। ईडी ने मंत्री के विश्वासपात्र माने जाने वाले बकीबुर को पहले गिरफ्तार किया था, जिसकी रिमांड अवधि इस सप्ताह खत्म हो रही है।