गुजरात में वडोदरा के निकट हुई नौका दुर्घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।वडोदार शहर के बाहरी इलाके में स्थित हरनी झील में बृहस्पतिवार को हुए इस हादसे में 12 छात्रों और दो शिक्षकों की मौत हो गई थी जबकि 18 छात्रों और दो शिक्षकों को बचा लिया गया था। ये छात्र पिकनिक मनाने के लिए आये थे।
हरनी पुलिस ने कोटिया प्रोजेक्ट्स के साझेदारों सहित 18 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304 (गैर इरादतन हत्या) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।पुलिस उपायुक्त पन्ना मोमाया ने कहा, ”हम हरनी लेक जोन के प्रबंधक शांतिलाल सोलंकी और दो नाव संचालकों – नयन गोहिल और अंकित को पहले ही गिरफ्तार कर चुके हैं। अन्य दोषियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। इस हादसे में स्कूल के 12 छात्रों और दो शिक्षिकाओं की मौत हो गई थी। झील में बचाव अभियान बृहस्पतिवार रात समाप्त हो गया।”
इस बीच, कुछ परिवारों ने नाव हादसे में मारे गए अपने बच्चों का बृहस्पतिवार देर रात अंतिम संस्कार कर दिया।प्राथमिकी के अनुसार, कोटिया प्रोजेक्ट्स को 2017 में वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) द्वारा मनोरंजन केंद्र, हरनी लेक जोन के संचालन और रखरखाव का ठेका दिया गया था।वीएमसी के इंजीनियर राजेश चौहान ने अपनी शिकायत में कहा कि फर्म, उसके मालिकों, प्रबंधकों और नाव संचालकों ने कई मामलों में आपराधिक लापरवाही बरती है, चाहे वह नावों का रखरखाव न करना हो या पर्याप्त संख्या में जीवन रक्षक उपकरण न रखना हो।
शिकायत के अनुसार, पता चला कि केवल कुछ छात्रों को जीवन रक्षक जैकेट उपलब्ध करायी गयी थीं और उन्हें कोई निर्देश नहीं दिये गये थे।इससे पहले गुजरात के गृह राज्य मंत्री सांघवी ने पत्रकारों को बताया था कि नौका पर केवल 10 छात्र ही ‘लाइफ’ जैकेट पहने हुए थे ”जो साबित करता है कि इसमें आयोजकों की गलती थी”।प्राथमिकी में कहा गया है कि क्षमता से अधिक सामान होने के कारण नाव पहले हिलने लगी और फिर पलट गई।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने बृहस्पतिवार देर शाम घटनास्थल का दौरा किया था और जीवित बचे लोगों और मृतकों के परिजनों से मिलने के लिए जानवी अस्पताल और सरकारी एसएसजी अस्पताल का दौरा किया था।पटेल ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय दमकल विभाग समेत अन्य एजेंसियों द्वारा किए जा रहे बचाव अभियान की भी निगरानी की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा था, ”वडोदरा की हरनी झील में हुई नौका दुर्घटना में लोगों की मौत से व्यथित हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ है। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।”उन्होंने कहा, ”स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है। प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जायेगी। घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जायेंगे।”गुजरात सरकार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये थे और वडोदरा जिलाधिकारी को 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।
राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि जिलाधिकारी को उन कारणों और परिस्थितियों की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया गया है जिसकी वजह से यह त्रासदी हुई।इसके अनुसार जांच करने का निर्देश दिया गया कि क्या ठेकेदार या किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही हुई थी और ऐसी घटनाओं से भविष्य में कैसे बचा जा सकता है।गुजरात के मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की।
गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि उन्हें पता चला कि नौका में निर्धारित संख्या से अधिक लोग सवार थे और उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं।डिंडोर ने कहा, ”मुझे पता चला है कि दुर्घटना के समय छात्रों ने ‘लाइफ’ जैकेट नहीं पहन रखी थी। हम (इन गलतियों के लिए) दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।”अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जिस नौका को पानी से निकाला गया था उसमें केवल 14 सीट थी।