मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भोपाल स्थित लाल परेड ग्राउंड में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और आकर्षक परेड की सलामी ली। लाल परेड ग्राउंड में हुई परेड में 19 टुकड़ियां शामिल थी। राज्यपाल पटेल ने ध्वजारोहण के बाद परेड का निरीक्षण किया। इसके बाद परेड कमांडर आनंद कलादगी के नेतृत्व में मार्च पास्ट किया गया। राज्यपाल पटेल ने नागरिकों की उपस्थिति में खुले आकाश में रंगीन गुब्बारे छोड़े। समारोह में स्कूल के छात्र-छात्राओं ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। लाल परेड मैदान में हुए समारोह में जनजातीय संस्कृति पर केन्द्रित बुंदेलखंड का बरेदी और बधाई लोकनृत्य, निमाड़ का गणगौर, झाबुआ, अलीराजपुर, धार और बड़वानी क्षेत्र में निवास करने वाली भील जनजाति के भगोरिया नृत्य की प्रस्तुति दी गई।
इसके साथ ही यादव जाति का जातीय लोकनृत्य अहिराई की प्रस्तुति भी दी गई। इन नृत्यों में जनजातीय वर्ग के युवक-युवती रंगीन वेशभूषा में छटा बिखेर रहे थे। जनजातीय वाद्य यंत्रों ने मैदान में उपस्थित जनसमुदाय को अभिभूत किया। गणतंत्र दिवस समारोह में झांकियों के माध्यम से प्रदेश की प्रगति, सुशासन, जनभागीदारी से समग्र विकास को प्रदर्शित किया गया। उद्यानिकी विभाग की झांकी में जनभागीदारी से उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में प्रदेश की तरक्की को दर्शाया गया था।
झांकी में देश में संतरा, टमाटर, धनिया एवं लहसुन उत्पादन में प्रथम स्थान रहने को चित्रित किया गया था। विभाग ने जनता की सुविधा के लिए ई-नर्सरी पोर्टल भी शुरू किया है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की झांकी में कृषि क्षेत्र में देश में उभरते मध्यप्रदेश को उपलब्धियों के साथ दिखाया गया। झांकी के माध्यम से ड्रोन से नेनो यूरिया के छिड़काव को सुशासन की व्यवस्था को प्रदर्शित किया गया। कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की झांकी में श्री विश्वकर्मा की प्रतिमा को कारीगरों एवं शिल्पकारों के प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किया गया।
जेल विभाग की झांकी में आजादी के बाद जेलों में हो रहे सुधारात्मक स्वरूप को दर्शाया गया। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की झांकी में यूनेस्को में शामिल स्थलों को दर्शाया गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की झांकी में जल जीवन मिशन के माध्यम से नागरिकों को पेयजल की उपलब्धता को दिखाया गया। वन विभाग की झांकी में संयुक्त वन प्रबंधन के माध्यम से ग्रामवासियों को रोजगार और आत्मनिर्भर बनाने की कोशियों को दर्शाया गया।