रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि आर्थिक विकास लिंग तटस्थ होना चाहिए। सरकार ने पहले की उस कहानी को सफलतापूर्वक बदल दिया है जिसमें अर्थव्यवस्था के विकास का श्रेय अकेले पुरुषों के योगदान को दिया जाता था।
शीर्ष व्यापार मंडल फिक्की की 96वीं वार्षिक आम बैठक और सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, ”महिलाओं को सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता रही है। हमने यह सुनिश्चित किया है कि भारत का आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक विकास न केवल पुरुषों के बल पर हो, बल्कि नारी शक्ति के आधार पर भी हो।”
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों को गिनाते हुए सिंह ने कहा, ”लड़कियां अब सैनिक स्कूलों में पढ़ रही हैं, जबकि महिला अधिकारियों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षित किया जा रहा है। अब महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में नियुक्त किया जा रहा है, युद्धपोतों पर तैनात किया जा रहा है और सीमा पार अग्रिम चौकियों पर तैनात किया जा रहा है। इसके अलावा, अग्निपथ योजना के माध्यम से बड़ी संख्या में युवा लड़कियां सशस्त्र बलों में शामिल हो रही हैं।”
मंत्री ने कहा कि भारत एक वैश्विक विकास इंजन के रूप में उभरा है और दुनिया को एक नई दिशा प्रदान कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय विकास की कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में एक अरब से अधिक भारतीयों की कड़ी मेहनत और क्षमता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि सरकार की परिवर्तनकारी नीतियों और कार्यक्रमों ने भारतीय विकास की कहानी को शक्ति दी है, जिसके विभिन्न पहलू आज की दुनिया को आकार दे रहे हैं।
मंत्री ने कहा, ”भारत ने प्रतिबद्धता जताई है कि उसका विकास पर्यावरणीय क्षरण की कीमत पर नहीं होगा। हमने हरित विकास का रास्ता चुना है। हमने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किये। हमने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन बनाया है। हमने स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पहल की है। हमने जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता भी कम कर दी है।”
रक्षा मंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्र में सरकार द्वारा की गई पहलों और उपलब्धियों को भी सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा, ”हमने सड़कों, हवाई अड्डों और रेलवे में बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा दिया। 2014 तक भारत में 91,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग थे, आज यह बढ़कर लगभग 1.5 लाख किलोमीटर हो गया है। जहां 2014 में भारत में केवल 74 हवाई अड्डे थे, वहीं आज यह संख्या दोगुनी हो गई है। पीएम गति शक्ति योजना और नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के जरिए हमने देश में 100 लाख करोड़ रुपये तक के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की योजना बनाई है।”
समावेशी विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए सिंह ने कहा कि भारत की विकास कहानी दर्शाती है कि आर्थिक विकास और वितरणात्मक न्याय के बीच कोई असंगत समझौता नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारा विकास मॉडल दिखाता है कि सभी के लिए समान अवसर और त्वरित विकास दर एक साथ हासिल की जा सकती है।” रक्षा मंत्री ने आर्थिक प्रगति में मानव संसाधनों के महत्व पर भी जोर दिया।
उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 400 से अधिक नए विश्वविद्यालयों, सात नए आईआईटी और सात नए आईआईएम की स्थापना, एक नया कौशल विकास मंत्रालय बनाकर कौशल पर ध्यान केंद्रित करना देश में मानव संसाधनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा लाए गए परिवर्तनकारी बदलाव को रेखांकित करता है।
सिंह ने इस विकास गाथा को बनाए रखने के लिए देश के युवाओं में सरकार के विश्वास को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं, जो भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे। रक्षा मंत्री ने कारोबारी नेताओं और अर्थव्यवस्था के अन्य सभी हितधारकों से 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए सरकार के साथ सहयोग करने का आह्वान किया।