आयुर्वेद में कई ऐसे पौधे हैं जिनके नाम भी हम नहीं जानते होंगे। इसीलिए कई लाभकारी पौधों को देखने के बाद भी हम उनकी पहचान नहीं कर पाते हैं। गोरखमुंडी (स्फेरैन्थस इंडस) भी एक ऐसा ही औषधीय पौधा है, जिसे आयुर्वेद में विशेष महत्व दिया गया है। क्या आप इस पौधे के बारे में कुछ जानते हैं? अगर नहीं, तो इस लेख के जरिए हम आपको इसके गुणों से अवगत कराएंगे। गोरखमुंडी का प्रयोग प्राचीन काल से ही कई समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। इस पौधे का वैज्ञानिक नाम है। स्थानीय भाषा में तो इसे कई नामों से जाना जाता है। इस पौधे की जड़ छाल, पत्ते और फूल आदि सभी का उपयोग किया जाता है। यौन दुर्बलता को दूर करने के लिए भी यह पौधा बखूबी जाना जाता है। यौन दुर्बलता से बचने के लिए इसे गाय के दूध के साथ पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। वहीं इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण (Anti Bacterial Properties) भी पाए जाते हैं। गोरखमुंडी की पत्तियों से बने चूर्ण को भी कई समस्याओं के निदान के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गोरखमुंडी नम जगह पर पाया जाने वाला पौधा है। यह ज्यादातर जुलाई और अगस्त के महीने में होना वाला पौधा है। बरसात का मौसम जाने के बाद इस पौधे में फूल आते हैं। इसके फूल बैंगनी और थोड़े कांटेदार होते हैं। इससे आंखों के अलांवा कुष्ट रोग और खुजली आदि जैसी समस्याएं भी ठीक होती हैं। आइये जानते हैं गोरखमुंडी से होने वाले फायदे और उपयोग करने के तरीके के बारे में।
1. आंखों के लिए फायदेमंद- दुनियाभर में आंखों की समस्या से सैकड़ों लोग जूझ रहे हैं। प्राकृतिक रूप से आंखों की सेहत के लिहाज से भी गोरखमुंडी का सेवन बहुत लाभकारी माना जाता है। इसके लिए आप इसके चूर्ण का सेवन दूध के साथ कर सकते हैं। गोरखमुंडी की जड़ से बने चूर्ण का नियमित सेवन करने से आंख पर लगे चश्मे तक को हटाया जा सकता है। यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए एक अचूक उपाय है।
2. यौन रोग में मददगार- यौन समस्याओं का समाधान करने के लिए तो गोरखमुंडी का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। इस समस्या में गाय के दूध में गोरखमुंडी की जड़ का चूर्ण मिलाकर पीना काफी कारगर है। इस समस्या में आप गोरखमुंडी के पाउडर या फिर चूर्ण का सेवन करें। रोजाना सुबह शाम 2 से 5 ग्राम चूर्ण आपकी यौन शक्ति को मजबूत बनाने के साथ ही यौन से जुड़ी की अन्य समस्याओं से भी निजात दिलाता है। ऐसे मामले में इसके सेवन से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
3. कुष्ट रोग में फायदेमंद- कुष्ट रोग एक प्रकार का चर्म रोग है, जिसे कोढ़ के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग बैक्टीरिया के जरिए फैलता है। गोरखमुंडी का सेवन आपके कुष्ट रोग के लक्षणों को दूर करता है। इस रोग में सबसे उपयोगी इसका पाउडर माना जाता है। यह रोग होने पर नीम की छाल के पाउडर के साथ गोरखमुंडी के पाउडर का एक साथ सेवन करें। इससे आपकी समस्या कम हो सकती है।
4. खुजली दाद में असरदार- दाद और खुजली की समस्या बहुत आम है, लेकिन यह त्वचा को परेशान कर सकती है। यह समस्या होने पर आप गोरखमुंडी के बीज से बने पाउडर का प्रयोग करें। इसे घर में बनाना काफी आसान है। इसके लिए आपको गोरखमुंडी के बीज को कूटकर इसे बारीक पीसना होगा। इसे नियमित तौर पर दूध या पानी के साथ पीने मात्र से ही आपकी खुजली, दाद समेत त्वचा से जुड़ी अन्य समस्याएं भी ठीक होती हैं।
5. मोटापा दूर करे- जड़ी बूटियां अक्सर वजन कम करने में काफी उपयोगी होती हैं। गोरखमुंडी के पौधे का सेवन करने से शरीर में मोटापा होने की आशंका कम हो जाती है। नियमित तौर पर दूध के साथ इसका सेवन करने से आपको जल्दी जल्दी भूख का अहसास नहीं होता और धीरे-धीरे मोटापा घटने लगता है। इसके सेवन से केवल आपका मोटापा घटेगा। इस दौरान शरीर में किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है।
कैसे करें उपयोग
- गोरखमुंडी ऐसा पौधा है, जो हर तरह से गुणकारी है। आप इसकी जड़ से लेकर फूल तक का प्रयोग कर सकते हैं।
- गोरखमुंडी का उपयोग जड़ के रूप में सबसे ज्यादा किया जाता है।
- आंखों और कई अन्य समस्याओं में पत्तों के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
- इस पौधे के फूल भी कई मामलों में बड़े लाभदायक होते हैं, जिसे बहुत सी समस्याएं ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।
सदियों से आयुर्वेद का भरोसा बनने वाला यह पौधा निश्चित तौर पर आपकी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करता है। अगर आप कोई स्पेशल डाइट फॉलो कर रहे हैं या फिर किसी गंभीर बीमारी सेबचने के लिए इसका सेवन कर रहे हैं तो एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
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