गोवा के आदिवासी वनवासी भैरो काले (80) को कई दशक के संघर्ष के बाद एक संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेज प्राप्त हुए, जो उन्हें अपने पूर्वजों से विरासत में मिली थी।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां के डोना पाउला स्थित राजभवन में एक नागरिक स्वागत समारोह के दौरान काले को दस्तावेज सौंपे, जिससे धरदंडोरा तालुका के मैपलान गांव में स्थित अपनी जमीन के मालिक होने का उनका सपना मंगलवार को सच हो गया।
राष्ट्रपति मंगलवार से गोवा की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने राज्य के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की मौजूदगी में वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत छह आदिवासियों को भूमि सनद (भूमि संबंधी अधिकारों के दस्तावेज) वितरित किये। ये आदिवासी अपने अपने गांवों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
राज्य आदिवासी कल्याण विभाग ने हाल ही में एफआरए के तहत वनवासियों के दावे निपटाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पिछले साल नवंबर में आश्वासन दिया था कि राज्य सरकार अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले एफआरए के तहत आदिवासी समुदाय के लोगों के सभी पात्र मामलों का निपटारा करेगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राज्य सरकार का कार्यकाल 2027 में समाप्त होगा। सावंत ने कहा था कि उनकी सरकार तटीय राज्य में एफआरए से संबंधित मामलों को तेजी से निपटा रही है।
पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री ने कहा था कि वन अधिकार अधिनियम के तहत पिछले तीन वर्षों से मामलों का निपटारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा था, ”हमने 750 मामलों में सनद (भूमि संबंधी अधिकार) दिए हैं, जबकि कुल 10,000 दावों का निपटारा किया जाना बाकी है।”