आजकल ख़राब और असंतुलित जीवनशैली के कारण बीमारियाँ होना आम बात है। लेकिन आपकी कुछ गलतियों और गलत दिनचर्या के कारण आप जल्द ही बड़ी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। इन्हीं में से एक है सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जिसमें आपको गर्दन के आसपास के हिस्सों में अकड़न महसूस होने लगती है। हालाँकि, यह समस्या थायरॉइड, डायबिटीज और शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के कारण उत्पन्न हो सकती है। इस बीमारी में हमारी गर्दन और रीढ़ की हड्डियां सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। मानव शरीर की रीढ़ कई जटिल जोड़ों से मिलकर बनी होती है। यदि एक भी जोड़ में अकड़न, सूजन और दर्द हो तो यह दर्द गर्दन को भी प्रभावित करता है। यदि इस समस्या को शुरूआत में ही नियंत्रित नहीं किया जाता तो यह आपकी पीठ से लेकर गर्दन को बुरी तरह से दर्द दे सकती है। हमारी शरीर में इंटरवर्टेब्रल डिस्क मौजूद होती है। यह एक तरह का तरल पदार्थ होता है, जो आपको रीढ़ में चोट लगने से बचाव करता है। अगर
यहां तक कि अगर आपके शरीर में इस तरल पदार्थ की मात्रा कम हो जाती है, तो भी आपकी कमर, पीठ या गर्दन के आसपास के क्षेत्रों में कठोरता हो सकती है। एलोपैथी में सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कई सिद्ध और प्रभावी उपचार हैं, लेकिन एक्यूप्रेशर बहुत पुराना और प्रभावी उपचार है। डॉक्टर भी ऐसा करने की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं एक्यूप्रेशर से कैसे ठीक होता है सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस।
कंधों की हड्डियों को तेजी से दबाएं
सर्वाइकल से पीड़ित मरीजों के लिए एक्यूप्रेशर काफी फायदेमंद है।
- गर्दन के पास दर्द होने पर आप अपने कंधों की हड्ड़ियों को दबा सकते हैं। कंधे की हड्डियों को जोर से दबाने से आपका दर्द गायब हो जाता है।
- हथेली के उपर अंगूठे की हड्डी को देजी से दबाएं। ऐसा करने से भी आपको दर्द में राहत मिलेगी। क्योंकि हथेली के उपर की हड्डी का सीधा संबंध आपके नर्वस सिस्टम (nervous system) से होता है।
- ठीक इसी तरह अपनी रिंगफिंगर (ring finger) को भी दबाएं। कोशिश करें कि इसे कम से कम एक मिनट के लिए दबाकर ही रखें।
- अपनी बाहें आगे लाकर एक बार फिर पीछे की ओर लेकर जाएं। इसे दबाकर रखें। ऐसी स्थिति में इस बात पर ध्यान दें कि अपनी बाहों को जितना हो सके उतना ही स्ट्रैच करें। इस विधि को ज्यादा करना नुकसानदायक भी हो सकता है।
- सर्वाइकल के दर्द से राहत के लिए जौंग जू केंद्र को उत्तेजित करें। इसके बारे में आप अपने चिकित्सक से भी सलाह ले सकते हैं। यह बिंदू आपकी चौथी और पांचवी उंगलियों के बीच पाया जाता है। दर्द से तत्काल रूप से राहत पाने के लिए यह कारगर बिंदू है।
- दर्द से राहत पाने के लिए आप एक्यूप्रेशर के तौर पर अपने पैर के अंगूठे के साथ-साथ अंगूठे के साथ वाली उंगली को भी दबाएं।
- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के दर्द के लिए आप भुजंगासन, मत्स्येंद्र आसन, धनुरासन, मरजारियासन समेत कई अन्य आसनों का भी सहारा ले सकते हैं।
इन बातों का ध्यान दें
- ध्यान रखें कि आप एक्यूप्रेशर के लिए अपने हाथ और पैर की जिस भी बिंदू को उत्तेजित करना चाहते हैं उसे हल्के हाथ से यानि आराम से ही करें। कई मामलों में इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।
- महिलाएं प्रेगनेंसी के समय खासतौर पर चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही एक्यूप्रेशर और आसनों को करें।
- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से निजात पाने के लिए दिन में कम से कम दो बार एक्यूप्रेशर करें। इसे सुबह योगा करने से पहले और रात में सोने से पहले करें।
- अगर अचानक सर्वाइकल का दर्द कंधों में उतर आए तो आप तत्काल प्रभाव से एक्यूप्रेशर का सहारा ले सकते हैं।
- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के एक्यूप्रेशर को अगर आप चाहें तो उंगलियों की बजाय लकड़ी से बने स्पेशल उपकरणों से भी कर सकते हैं। हालांकि आपको फायदा उतना ही होगा।
- एलोपैथी का सहारा लेने की बजाय यह बेहतर विकल्प है कि आप एक्यूप्रेशर को अपनाकर अपने दर्द से राहत पाएं। इस लेख में दिए गए सुझावों को भी ध्यान रखें। यह सभी एक्यूप्रेशेर निश्चित तौर पर आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे।
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